रुड़की।
ज्योतिष मंदिरम पुरानी तहसील रुड़की में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का आज हवन यज्ञ के साथ समापन हो गई। इस दौरान विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। ज्योतिषाचार्य कथा व्यास आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने कहा कि भागवत कथा का रसपान करने से व्यक्ति को शांति प्राप्त होती है।

इस कलिकाल में जहां रोग कष्ट दे रहे हैं, वहां सत्संग करने से व्यक्ति का मन प्रभु भक्ति से शुद्ध और पवित्र हो जाता है। राष्ट्र कल्याण के लिए 1008 महामृत्युंजय मंत्रों द्वारा यज्ञ किया गया। राष्ट्र और विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना भी की गई। राष्ट्र ही सर्वोपरि है। बाद में विशेष आरती की गई, जिसमें सैकड़ों भक्त जनों ने भाग लिया। पंडित रमेश सेमवाल ने कहा कि यज्ञ करने से वातावरण की शुद्धि होती है और सत्संग करने से मन की शुद्धि होती है। अच्छे संस्कार प्राप्त होते हैं, मन को शांति मिलती है। इसलिए मनुष्य मात्र को निरंतर सत्संग करना चाहिए। सत्संग से विवेक प्राप्त होता है, विवेक से बुद्धि और बुद्धि प्राप्त होने से शांति प्राप्त होती है। इसलिए निरंतर सत्संग करना चाहिए। हमारे ऋषि-मुनियों ने सत्संग की प्रशंसा की है। सत्संग यानी सत्य का संग कलयुग में सत्संग और भागवत कथा के माध्यम से धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। धर्म का मार्ग ही श्रेष्ठ मार्ग है, सत्य का मार्ग है, सत्संग का मार्ग है। कथा में आचार्य नरेश शास्त्री, आचार्य संदीप शास्त्री, सुलक्ष्णा सेमवाल, आदिति सेमवाल, प्रदीप चौहान, महेंद्र भटनागर, पंडित राजकुमार दुखी, अंकित दुबे, राधा भटनागर, चित्रा गोयल, आशा गोयल, गौरव वर्मा, नीरा वर्मा, राम कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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