रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी रुड़की शाह पेपर मिल्स लिमिटेड के तत्वाधान में सहारनपुर परिसर स्थित पेपर टेक्नोलाॅजी विभाग में अडवान्स्ड पैकेजिंग रीसर्च लैबोरेटरी एवं कौशल विकास प्रोग्राम के विकास के लिए एक परियोजना लाॅन्च कर रहा है।
आईआईटी रुड़की आधुनिक अनुसंधान एवं कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए पेपर उद्योगों के साथ साझेदारी कर रहा है, जिसका समुदायों पर बड़ा प्रभाव होगा। आईआईटी रुड़की डेवलपमेन्ट फाउण्डेशन आईआईटी रुड़की के विश्वविख्यात फैकल्टीज की मदद से अकादमिक एवं उद्योग जगत के बीच के अंतर को दूर करने तथा इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। इसी दिशा में शाह पेपर मिल्स लिमिटेड गुजरात के वापी में स्थित अग्रणी पेपर निर्माता है। इसकी दो स्टैण्डअलोन युनिट्स हैं, जहां इंटीग्रेटेड पल्पिंग एवं ड्रिंकिंग सुविधा से युक्त आधुनिक मैनुफैक्चरिंग मशीनरी है। शाह पेपर मिल दो चरणों की आधुनिक ड्रिकिंग प्रक्रिया के द्वारा बेकार कागज की रीसायक्लिंग करता है और इस तरह पर्यावरण संरक्षण में योगदान देता है। शाह पेपर मिल्स की उत्पादन क्षमता 500 मीट्रिक टन प्रति दिन है, यह प्रतिदिन लगभग 550 मीट्रिक टन बेकार कागज को रोजाना रीसायकल करता है। यह शाह पेपर मिल्स लिमिटेड की काॅर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पहल है, जिसका उल्लेख समझौता ज्ञापन में किया गया। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के मौके पर प्रीतेश शाह जाॅइन्ट मैनेजिंग डायरेक्टर शाह पेपर मिल्स लिमिटेड, कनु मेहरा गुजरात पेपर मिल्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि, श्रेयस बहेती एक्जक्टिव डायरेक्टर शाह पेपर मिल्स, बोर्ड आॅफ डायरेक्टर्स, आईआईटीआरडीएफ प्रोफेसर के.के. पंत, प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी, प्रोफेसर भोला राम गुर्जर, प्रोफेसर मनीष श्रीखंडे, डीओआरए आॅफिस प्रतिनिधि, संतोष कुमार मुख्य कार्यकारी अधिकारी आईआईटीआरडीएफ, प्रोफेसर संजय पलसुले, एक्टिंग डीन, सहारनपुर परिसर, प्रोफेसर धर्म दत्त, हैड पेपर टेक्नोलाॅजी और प्रोफेसर मिली पंत मौजूद रहे। आईआईटी रुड़की डेवलपमेन्ट फाउण्डेशन आईआईटी रुड़की की धारा-8, गैर-लाभ कंपनी है, जिसकी स्थापना 12 मई 2021 को की गई थी। गुजरात पेपर मिल्स एसोसिएशन गुजरात में स्थित पेपर निर्माण की प्रतिनिधि संस्था है। कागज के निर्माण में उत्कृष्टता हासिल करना तथा पेपर मिल सदस्यों की समस्याओं को हल करना इसका मुख्य उद्देश्य है। इस अवसर पर गुजरात पेपर मिल्स एसोसिएशन ने डाॅ. धर्म दत्त हैड पेपर टेक्नोलाॅजी को पुरस्कार एवं रु 1.50 लाख नकद से सम्मानित किया। गुजरात पेपर मिल्स एसोसिएशन ने पेपर उद्योग में उनकी सेवाओं के लिए उन्हें यह सम्मान दिया, उन्होंने आधुनिक तकनीकों के साथ इस क्षेत्र के कर्मचारियों के कौशल विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार शाह पेपर मिल्स एवं आईआईटी रूड़की इस परियोजना के माध्यम से युवाओं को अपना कौशल दर्शाने और रोजगार के अवसर पाने में मदद करेंगे। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा एवं लक्ष्य 9रू उद्योग, इनोवेशन एवं बुनियादी सुविधाएं के तहत यह सीएसआर प्रोग्राम ग्रामीण इलाकों से आने वाले विज्ञान के स्नातकों के लिए मददगार होगा। इन छात्रों को पेपर इफलुएन्ट टेस्टिंग में टेस्टर्स के रुप में तैयार किया जाएगा। इस कौशल विकास प्रशिक्षण के द्वारा छात्र पेपर एवं पल्प उद्योग की बारीकियों को समझ सकेंगे। स्थायी विकास लक्ष्यों के अनुसार व्यर्थ निर्माण को कम करने में मदद मिलेगी। यह प्रोग्राम छात्रों को खाद्य श्रृंखला के विभिन्न पहलुओं पर भी जानकारी देगा, ताकि भोजन की बर्बादी को कम किया जा सके और व्यर्थ के निर्माण को कम करने के प्रयास किए जा सकें। प्रोफेसर के.के. पंत, आईआईटी रुड़की ने कहा कि आईआईटीआरडीएफ संस्थान एवं दानदाताओं के बीच तालमेल बनाएगा। शाह पेपर मिल्स लिमिटेड के साथ हमारी साझेदारी इस दिशा में दूसरी साझेदारी है, जो स्थायी प्रथाओं को अपनाकर सर्कुलर इकोनोमी के विकास एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी। आने वाले समय में हम सीएसआर पहलों के तहत इस तरह की साझेदारियों के लिए काम करते रहेंगे। प्रीतेश शाह जाॅइन्ट मैनेजिंग डायरेक्टर शाह पेपर मिल्स लिमिटेड ने खुशी जताते हुए कहा कि दोनों संगठनों के बीच इस साझेदारी के द्वारा आईआईटी रूड़की के छात्रों एवं उद्योग जगत दोनों को विशेष लाभ होगा। संतोष कुमार चीफ एक्जक्टिव आॅफिसर आईआईटी रुड़की डेवलपमेन्ट फाउन्डेशन ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन महत्वपूर्ण है, जो आईआईटी रूड़की डेवलपमेन्ट फाउन्डेशन एवं शाह पेपर मिल्स के बीच सामरिक साझेदारी के मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

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