रुडकी। श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस पर कथा व्यास आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने श्रद्धालुओं को बताया कि भारत महान भूमि है, भारत पुण्य भूमि है, भारत अध्यात्म भूमि है, भारत धर्म भूमि हैं। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म भारत भूमि में हुआ। जहां प्रभू श्रीराम का जन्म हुआ। जहां प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। जहां साक्षात मां गंगा है, जो सबका कल्याण करती है। इसलिए हमें भारत माता की वंदना करनी चाहिए। हिंदू धर्म और हिंदुत्व एक ही है। हिंदू से हिंदुत्व अलग नहीं हो सकता। हमारे ऋषि-मुनियों ने वेद पुराणों में समस्त संसार के कल्याण की कामना की है। हिंदू धर्म विश्व शांति का संदेश देता है। कथा व्यास ने आज भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया गया। कलयुग में मित्रता स्वार्थ की है, स्वार्थ होगा। तभी मित्रता होगी। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा जी से मित्रता निभाते हुए सुदामा के कष्टों का निवारण किया। उनकी सहायता की सुदामा जी भगवान श्रीकृष्ण से मिलने जाते हैं, तो भगवान श्रीकृष्ण की आंखों से आंसू निकल आते हैं और आशु के जल से सुदामा जी के चरण भगवान श्रीकृष्ण धोते हैं। भगवान श्रीकृष्ण की मित्रता महान है। भगवान श्रीकृष्ण दयालु हैं, कृपालु हैं। हमें भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करनी चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण से मित्रता की प्रेरणा लेनी चाहिए। आज कथा में आचार्य नरेश शास्त्री, आचार्य संदीप शास्त्री, मेयर गौरव गोयल, विकास शर्मा, अंकित शर्मा, राजीव गोयल, चित्रा गोयल, सुलक्ष्णा सेमवाल, संजय अरोड़ा, राधा भटनागर, रेनू शर्मा, राजकुमार दुखी, रामकुमार गुप्ता, प्रदीप चौहान आदि मौजूद रहे।

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