रुड़की। आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि-मौसम सेवा परियोजना द्वारा हरिद्वार जनपद के भगवानपुर विकासखण्ड अंतर्गत सिकंदरपुर गाँव में किसान प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को मौसम सेवाओं के प्रति जागरूक किया गया। इस अवसर पर पशुपालन निदेशालय छत्तीसगढ़ के पूर्व निदेशक डॉ. एस.के. पाण्डेय ने किसानों से दुधारू पशुओं पर ठण्ड के मौसम में होने वाले दुष्प्रभाव व उनसे बचने के उपायों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की।

उन्होंने किसानों को पशुपालन में सहायक कृषि-मौसम परामर्श सेवाओं के लाभों से भी अवगत कराया। परियोजना के नोडल अधिकारी प्रो. आशीष पाण्डेय ने कृषि-मौसम परामर्श सेवाओं को प्राप्त करने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने प्रत्येक गाँव से एक किसान को ‘मौसम मित्र’ की जिम्मेदारी लेकर उस गाँव का व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाकर उसमें मौसम सूचनाओं को नियमित प्रसारित करने की जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया। भू-अमृत फार्मर्स किसान उत्पादक संघ भगवानपुर के चेयरमैन रवि किरन सैनी ने बताया कि जब सरसों की बुआई अपने चरम पर थी, तो 17 अक्टूबर को भगवानपुर क्षेत्र में हुई मूसलाधार वर्षा की सूचना जीकेएमएस परियोजना द्वारा 5 दिन पूर्व ही किसानों को उपलब्ध करा दी गई थी। इससे अधिकतर किसानों ने सरसों की बुआई रोक दी थी। इससे उन्हें आर्थिक क्षति नहीं उठानी पड़ी। प्रगतिशील कृषक गुरविंदर सिंह ने बताया कि मौसम पूर्वानुमान की पूर्व सूचना से कई किसानों ने धान की फसल काटकर सुरक्षित स्थान पर रख ली थी, इससे बरसात के कारण उनकी फसल बर्बाद होने से बच गई थी। भू-अमृत फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी के सीईओ नवीन कुमार ने बताया कि उनके एफपीओ में साढ़े छः सौ किसान जुड़े हुए हैं, जिन्हें नियमित रुप से मौसम बुलेटिन व्हाट्सएप्प ग्रुप के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। परियोजना के तकनीकी अधिकारी डॉ. अरविन्द कुमार ने किसानों से कृषि-मौसम परामर्श सेवाओं के बारे में उनका फीडबैक भी एकत्रित किया। इस अवसर पर वाजिद अली, शुभम, अरविन्द, सौरभ सुभाष आदि किसान मौजूद रहे।

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