कलियर।
पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक की प्रतिवर्ष करोड़ो रुपये की आमदनी जिन ठेको से प्राप्त होती है। उन्ही ठेको की प्रक्रिया समय से पूरी न करने के पीछे जो कारण होते है, उसी का नतीजा है कि दरगाह सुपरवाइजरों द्वारा प्रसाद की दुकानों को हर साल चलाया जाता है।

जिनमें लगातार दो वर्ष 2016-2017 व 2017- 2018 तक दरगाह इमाम साहब की इकलौती प्रसाद की दुकान भी इन सुपरवाइजरों के द्वारा ही चलाई गयी ओर दरगाह के खाते में चंद हजार रुपये नाममात्र के जमाकर लगभग एक करोड़ रुपये का नुकसान जान-बूझकर दरगाह प्रबंधनतंत्र से मिलकर पहुंचाया गया। जिसकी जांच उच्च अधिकारियों के कार्यालयों में आज भी धूल फांक रही है।


2020 के ठेकों की समयावधि पूरी होने पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी वक्फ बोर्ड के आदेश पर अपर उप जिला अधिकारी द्वारा ठेकेदारों से खाली कराकर 22 फरवरी 2021 को दरगाह प्रबंधन को हस्तगत की गई थी। जिन पर जायरीनों की सुविधा के लिये हर साल की तरह सुपरवाइजरों को जिम्मेदारी देकर दुकान न-1 पर राव सिकन्दर, न-2 पर राव सारिक,इमाम साहब दुकान पर असलम कुरैशी की डयूटी लगाई गई थी, जिन्होंने यह दुकानें 30 अप्रेल 2021 तक चलाई। दरगाह प्रबंधक ने दरगाह खातों में पूरी रकम जमा न कराने ओर बार-बार मौखिक व लिखित सूचना का जवाब न देने पर सुपरवाइजर राव सिकन्दर की घोर वित्तीय अनियमितता के आरोप में सेवा समाप्त करने की कार्यवाही की ओर राव सारिक व असलम कुरेसी को स्पष्टीकरण देकर सुस्पष्ट आख्या मांगी है। अन्यथा की दृष्टि में उनकी भी सेवा समाप्त करने की चेतावनी दी गयी है। उक्त पूरी कार्यवाही से उच्च अधिकारी जिला अधिकारी हरिद्वार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी वक्फ बोर्ड,ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की आदि को अवगत कराया गया है।
वहीं सेवा से हटाए गये सुपरवाइजर राव सिकन्दर का कहना है कि प्रबंधक व उसके आदमियों द्वारा तीन लाख रुपये मामलेको रफादफा करने के लिये मांगे गए थे। मेरे मना करने पर रंजिस में सेवा समाप्त करने की कार्यवाही की गयी है। उन्होंने कहा कि मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में रखा जायेगा।

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