रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
“सरल भाषा संस्कृतम्, सरस भाषा संस्कृतम्,”
“सरला सरसा संस्कृत भाषा जयति कल्याणी संस्कृत भाषा” इन विचारों को स्थापित करते हुए केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-एक रुड़की में संस्कृत सप्ताह ( 28 अगस्त से 4 सितम्बर ) का समापन हो गई। सर्वप्रथम प्राचार्य चंद्रशेखर शेखर बिष्ट ने मुख्य अतिथि नवल किशोर पंत को शाल देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि का औपचारिक स्वागत करते हुए प्राचार्य चंद्रशेखर शेखर बिष्ट ने कहा कि संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है। आज भी हिन्दू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि ने कहा कि आज पूरे भारत में संस्कृत सप्ताह मनाया जा रहा हैं, संस्कृत सप्ताह की शुरुआत भारत सरकार ने वर्ष 1969 में की। संस्कृत सप्ताह में पूरे भारत में संस्कृत में नाटक प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, पुस्तकों की प्रदर्शनी, श्लोक वाचन आदि कार्यक्रम होते हैं। आज भारत के अलावा विदेशों में संस्कृत सीखाने का कार्यक्रम लंबे समय से चल रहा है। विज्ञान और टेक्नोलॉजी के छात्र छात्राएं, प्रोफेसर, वकील, डॉक्टर, अभियंता आदि भाग ले रहे हैं। अब भारत के आईआईटी रुड़की, आईआईटी मुंबई, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर आदि में संध्याकालीन प्रत्येक दिन संस्कृत कक्षा चलती है। इसी वर्ष से आई.आई.टी. रुड़की में आई.के.एस. कोर्स शामिल कर लिया गया है। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सभी छात्र-छात्राओं ने उत्साह पूर्वक प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का समापन छात्र व छात्राओं द्वारा संस्कृत नृत्य नाटिका के साथ हुआ। संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत अनेकों प्रतियोगिताएं करायी गयी, जिनके परिणाम क्रमशः निबंध लेखन प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 8 कनिष्ठ वर्ग में शताक्षी चौहान (8 स) प्रथम स्थान, नव्या शर्मा (6ब) द्वितीय तथा अर्थ (7 स) तृतीय स्थान पर रहे। निबंध लेखन प्रतियोगिता में कक्षा 9 से 12 वरिष्ठ वर्ग में श्रेया शर्मा (9 अ) प्रथम स्थान पर रही। श्लोक वाचन प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 8 वर्ग में सजल केसरवानी (8 ब) प्रथम स्थान, अरुण (7 ब) द्वितीय तथा राशि शर्मा (8 ब) एवं तारवी (8 स) तृतीय स्थान पर रहे। कथा वाचन प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 8 वर्ग में सृष्टि वर्मा (8 अ) प्रथम स्थान, अहाना (8 स) द्वितीय एवं अनुष्का चौहान (8अ) तृतीय स्थान पर रहे जबकि कक्षा 9 से 12 वर्ग में दिव्या (9 ब) प्रथम स्थान पर, दिव्या सैनी (9 ब) द्वितीय तथा स्मृति सौम्या बाग़ (9 ब) तृतीय स्थान रही। चित्रकला प्रतियोगिता में तन्नु प्रजापति (8 अ) प्रथम स्थान, अर्नव गुप्ता (6 स) द्वितीय स्थान एवं कवि शर्मा (8 अ) तृतीय स्थान पर रहे। संस्कृत शिक्षिका सुश्री श्रुति पालीवाल ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, यह भाषा हिमालय से जिस प्रकार गंगा निकलती है, उसी प्रकार सभी भाषाओं की उद्गम स्थली है। संस्कृत बहुत ही वैज्ञानिक भाषा है।
उपप्राचार्या श्रीमती अंजू सिंह ने सभी विजयी प्रतिभागियों तथा उनके शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि संस्कृत भाषा ने हमारी सांस्कृतिक धरोहरों को युगों से संरक्षित रखने का काम किया है। विद्यालय ही वह स्थान होता है, जहाँ बच्चे अपने सांस्कृतिक धरोहरों के बारे में जानते है, इसलिए सभी विद्यार्थियों को ये भाषा जरुर सीखनी चाहिए। संस्कृत सप्ताह के सफल आयोजन में सभी संस्कृत व हिंदी शिक्षकों संध्या पवार, संजीव कुमार, पूनम कुमारी, कल्पना गुप्ता, संदीप सिंह, सुनीता रानी ने संस्कृत सप्ताह गतिविधियों का अयोजन कराने में सराहनीय योगदान दिया।

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