रुड़की। ( बबलू सैनी )
माहे रमजान के दूसरे जुमा की नमाज नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी अकीदत तथा शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई। इस दौरान मुस्लिमों ने मस्जिदों में पहुंचकर नमाजे जुमा अदा की तथा अल्लाह ताला से देश व प्रदेश में खुशहाली, समृद्धि तथा अमन-चैन कायम रखने की दुआएं मांगी। जुमा की नमाज नगर की प्रमुख जामा मस्जिद में मौलाना निसार अहमद ने अदा कराई। नमाज से पहले अपना बयान करते हुए उन्होंने माहे रमजान की फजीलतों के बारे में बताया तथा कहा कि कुरान में अल्लाह ताला फरमाते हैं कि ऐ ईमान वालों तुम पर एक माह के रोजे फर्ज (अनिवार्य) किए गए, जैसा कि तुमसे पहली उम्मतों पर रोजों को फर्ज किया गया था, ताकि तुम मुत्तकी और परहेजगार बनो, जिस प्रकार इंसान के रूह का रोजा होता है उसी तरह बदन के हर एक अंग का भी रोजा होता है। आंख, हाथ, जुबान और पैर सभी का रोजा होता है, जिस्म के जिस हिस्से से बुराई की जाए उसी का रोजा खत्म हो जाएगा।रमजान का पहला असरा रहमत वाला है, जिसमें अल्लाह ताला अपनी रहमत दें भेजता है और दूसरा आसरा मगफिरत का है, जिसमें गुनाहों से तोबा करने का अवसर मिलता है और तीसरा असरा दोजख नर्क से निजात का है।बाद नमाज जुमा के मुस्लिमों ने अल्लाह ताला से देश और प्रदेश में तरक्की और अमन-चैन को कायम रखने और भाईचारा तथा कौम की तरक्की की दुआएं मांगी। मौलाना मजहरूल हक, मौलाना अरशद कासमी, कारी शमीम अहमद व मौलाना नसीम अहमद कासमी ने भी रमजान को बरकतों का महीना बताते हुए कहा कि आप रमजान में जितने भी भलाई के काम करेंगे, उसका सत्तर गुना सवाब मिलेगा। इस अवसर पर विधायक हाजी फुरकान अहमद, अफजल मंगलौरी, डॉक्टर नैयर काजमी, कारी एहतसाम अली, हाजी नौशाद अहमद, हाजी सलीम खान, डॉ.मोहम्मद मतीन, शेख अहमद जमा, अब्दुल कय्यूम, आतिफ रहमान, शमशेर अली, सैयद नफीस, सलीम साबरी, इमरान देशभक्त, मोहम्मद जुल्फान, हाजी मोहम्मद उमर, मेहरबान अली, जहांगीर अहमद आदि मौजूद रहे।

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