रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) आनन्द स्वरुप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर रुड़की में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान भारतीय शिक्षा समिति उत्तराखंड प्रांत द्वारा आयोजित छः दिवसीय प्रांतीय शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन राजशेखर जोशी (ग्लोबल डिजिटल हेड़ एवं ज्वाइन्ट प्रेसिडेन्ट आदित्य बिडला ग्रुप मुख्यालय), डाॅ. विजयपाल सिंह (प्रदेश निरीक्षक), नत्थी लाल बंगवाल सम्भाग निरीक्षक गढ़वालद्ध, विद्यालय के प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह ने भारत माता एवं माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यशाला में उत्तराखंड़ के समस्त 13 जिलों के 53 प्रशिक्षार्थीयों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ के क्रियान्वयन, विशेषता तथा उसके विषयों के अध्ययन पर केन्द्रित रहा। कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में विद्या भारती की संकुल योजना, अच्छे प्रशिक्षक कैसे बने, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की नई तकनीक से परिचित होना, शिक्षण के परिणाम, विभिन्न विषयों पर पीपीटी द्वारा द्वारा प्रस्तुती, प्रायोगिक ज्ञान, भारतीय अवधारणा में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, विद्यालय आधारित आंकलन, व्यवहार एवं कौशल, व्यवसायिक कौशल एवं व्यवसायिक जोखिम, खिलौना आधारित शिक्षा आदि मुख्य विषय रहे। राजशेखर जोशी ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व में व्यापक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ऐसी अवस्था में भारत सम्पूर्ण विश्व में एक आदर्श भूमिका के रुप में स्थापित हो रहा है। भारत को ऐसे युवाओं का निर्माण करना है जो वर्तमान समय में आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर ज्ञान प्रदान कर सके तथा वे सुसंस्कृत, चरित्रवान, संस्कृतिनिष्ठ व देशभक्त हो। हमारा यह दायित्व बनता है कि हम सभी मिलकर युवाओं को तकनीकी से युक्त ज्ञान प्रदान कर उन्हें राष्ट्र-कल्याण में लगाने का पुनीत कार्य करें। प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी प्रशिक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन पर बल देगे। ज्ञान, कौशल, व्यवहार को ठीक दिशा में रखने के लिए जिस समावेशी पद्दति का प्रयोग होता है, उसे ही प्रशिक्षण कहते है। इस अवसर पर मोहन सिंह मटियानी उप-प्रधानाचार्य, कलीराम भट्ट उप-प्रधानाचार्य, जसवीर सिंह पुंण्डीर, आशुतोष शर्मा, मनोज कुमार, विनीत राठी, योगेश कुमार, राजेश चैहान, हाकम सिंह, योगेश सहल, मुकेश कुमार आदि मौजूद रहे।

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