रुड़की।
गोवर्धनपुर बहुद्देशीय सहकारी समिति में फर्जी नियुक्तियां करने के मामले में मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने एसआईटी जांच के आदेश देते हुए एसएसपी हरिद्वार को समिति गठन की जिम्मेदारी सौंप दी है।
बताया गया है कि इस समिति में फर्जी नियुक्तियों की शिकायत महेंद्र सिंह पुत्र अजमेर सिंह निवासी गांव मथाना ने शिकायत करते हुए मंत्री धन सिंह रावत को प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया था कि इस समिति में 5 कर्मचारी पूर्व से ही कार्यरत हैं। समिति के सभी नियमों की अनदेखी करते हुए 8 अतिरिक्त नियुक्तियां कर दी गई, जिनके नाम विशाल सैनी पुत्र सुरेश कुमार, अमित कुमार पुत्र महेंद्र सिंह, संदीप कुमार पुत्र मुल्कीराज, नाहर सिंह पुत्र प्रमोद कुमार व चार कर्मचारी अन्य शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि अवैध रूप से की गई नियुक्तियों में एक प्रबंध समिति के निदेशक सुरेश कुमार सैनी का सगा पुत्र आंकिक पद पर नियुक्त कर दिया गया। जब इसकी जानकारी लोगों को लगी, तो क्षेत्र में चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया। क्षेत्रीय चर्चाओं के अनुसार कुछ कर्मचारी, प्रशासक द्वारा चयन प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए तथा शेष 8 नियुक्तियों तथा अतिरिक्त 2 में भी लगभग 14 लाख से 16 लाख घूस लेने का मामला प्रकाश में आया। क्योंकि खाद्य समिति में खाद वितरण व मिनी बैंक का ही कार्य होता है। उपरोक्त स्टाफ को संविदा पर रखा गया है, जिसके प्रस्ताव में 8,000 वेतन देना खोला गया है, बावजूद इसके वेतन उन्हें अधिक दिया जा रहा है जिसके चलते समिति जल्द ही घाटे में चली जाएगी। इससे क्षेत्र के लगभग 5,000 सदस्यों व किसानों को खाद के लिए इधर-उधर भटकना पड़ेगा। साथ ही बताया कि चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अपने निजी लाभ के लिए अपने अधिकारों का प्रयोग नहीं कर सकता। जबकि इन नियुक्तियों को लगभग 6 माह का वेतन एक बार में ही निकाल कर दिया जा चुका है, जो कि नियम विरुद्ध है। साथ ही बताया कि प्रत्येक समिति में कैमरे लगे हैं, उनकी फुटेज निकालकर जांच होनी चाहिए। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि समिति क्षेत्र के किसानों को ब्याज मुक्त 1,00,000 का ऋण वितरण करती है तथा उक्त नियुक्तियां होने के कारण किसानों को उक्त ब्याज मुक्त ऋण समय से नहीं मिल पाएगा जिससे किसानों को लाभ नहीं मिलेगा और सरकार की यह योजना विफल साबित होगी। यह भी बताया कि उन्होंने मंत्री से उक्त नियुक्तियों की जांच कराकर नियुक्तिकर्ताओं/ अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कर उन्हें सलाखों के पीछे भेजने की मांग की। साथ ही कहा कि योग्य व्यक्तियों को ही यहां तैनाती दी जाए ताकि क्षेत्र के किसानों व समिति को लाभ हो सके। इस पर मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने एसआईटी जांच कर कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।

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