रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) सोमवार को विद्यालय का 28वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। विद्यालय का स्थापना दिवस प्रतिवर्ष विद्यालय अध्यक्ष, देश के प्रतिष्ठित एवं प्रसिद्ध वैज्ञानिक पदमश्री स्वर्गीय डाॅ. आनन्द स्वरुप आर्य एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या आर्या की वैवाहिक वर्षगाठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाता है। स्थापना दिवस समारोह मिथलेश (नगर प्रचारक), विद्यालय अध्यक्षा श्रीमती कौशल्या देवी आर्या, उपाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद कुलश्रेष्ठ, प्रबन्धक डाॅ. रजत अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सतीश शर्मा, मुनेंद्र शर्मा, डाॅ. अजीत तिवारी, अतुल मित्तल, ए0एल0 शर्मा, आर0के0 बंसल, श्रीमती बंसती हुड्डा, सतीश त्यागी एवं प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह ने द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यज्ञ संस्कृताचार्य विवेक पाण्डेय एवं योगेश शास्त्री द्वारा सम्पन्न कराया गया। स्थापना दिवस पर छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गये सांस्कृतिक गीत एवं वेदऋचाओं ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का मन मोह लिया। इस अवसर पर विद्यालय अध्यक्षा श्रीमती कौशल्या देवी आर्या ने अपने संदेश में कहा कि शिक्षा और विद्या का समन्वय बहुत जरुरी है। क्योंकि विद्या आध्यात्मिक और शिक्षा सांसारिक ज्ञान है। इसके साथ ही विद्यालय के होनहार छात्र-छात्राओं को विभिन्न शैक्षणिक, बौद्धिक एवं खेलकूद क्रिया-कलापों में उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं परिणामों के लिए शुभकामनायें दी। विद्यालय के उपाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद कुलश्रेष्ठ ने कहा कि विद्या भारती से सम्बद्ध अपना विद्यालय छात्र-छात्राओं को संस्कारवान शिक्षा प्रदान कर रहा है। इसके साथ ही समय-समय पर छात्रों को अन्य पाठ्य सहगामी क्रियाओं में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसी का परिणाम है कि विद्यालय छात्रों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को पूरा कर रहा है। विद्यालय प्रबन्धक डाॅ. रजत अग्रवाल ने स्व. डाॅ. आर्य के जीवन के संस्मरणों को साझा करते हुए उनके बहुआयामी व्यक्तित्व की मुक्तकंठ से प्रशंसा की एवं विद्या भारती की योजना का सुविस्तृत परिचय भी कराया गया। डाॅ. अजीत तिवारी ने कहा कि आज के नौनिहालों में शिक्षा के साथ-साथ आत्मविश्वास पैदा किये जाने की अत्यन्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस धरा पर मातृ एवं शिक्षक शक्ति ही छात्रों को नयी दिशा देने में सक्षम है। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चें ही राष्ट्र के कर्णधार होते है कि विद्यालय का प्रयास है कि बच्चों में तेजस्वी चरित्र का विकास करें। प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह ने उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि विद्यालय के शिक्षक निरन्तर अपने अध्यापन कार्य में नवीनता, रोचकता लाकर नैतिक मूल्यों एवं जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा के द्वारा शैक्षिक व्यवस्था को सफलतापूर्वक संचालित करने का सफल प्रयास कर रहे हैं। इस अवसर पर आशुतोष कुमार शर्मा, जसवीर सिंह पुण्डीर एवं समस्त शिक्षक शिक्षिकायें एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

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