हरिद्वार। ( आयुष गुप्ता )
हिन्दू रक्षा सेना के प्रमुख महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहा कि निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि को निरंजनी अखाड़े के आचार्य पद से बर्खास्त कर देना चाहिए। इतना ही नहीं अखाड़े को उनके गेरूआ वस्त्र भी वापस ले लेने चाहिए। इसके अलावा उन्होंने संतों के वैरिफिकेशन को लेकर भी अखाड़ा परिषद व जिला प्रशासन से मांग की, जिससे किसी भी अखाड़े में अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त व्यक्ति शामिल न हो।
पत्रकारों से हरिद्वार प्रेस क्लब में वार्ता करते हुए स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहा कि आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि पर अपहरण के आरोप लगाए गए हैं, बावजूद इसके इतने दिन बीत जाने पर भी उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। जिससे उनके ऊपर लगे आरोपों की पुष्टि भी होती है। उन्होंने कहा कि यदि वे सही हैं तो वे सामने आकर अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत साबित करके दिखाएं। जबकि पिछले दिनों स्वामी धर्मदत्त महाराज प्रयागराज में प्रेस वार्ता कर उन पर अपहरण जैसे गंभीर मामले में मुकद्मा दर्ज होने के आरोप लगा चुके हैं।
उन्होंने मांग कि की कई संत भेष में ऐसे लोग मौजूद हैं, जिन पर हत्या, लूट, अपहरण व बलात्कार जैसे गंभीर आरोप हैं। वह संत के भेष में घूम रहे हैं। ऐसे संतों की पहचान कर उन्हें अखाड़ों व संत समाज से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।
आरोप है कि स्वामी कैलाशानदं गिरि ऊर्फ कैलाशादास पर अयोध्या में वर्ष 1997 में संजय पति त्रिपाठी के अपहरण के मामले में मुकद्मा दर्ज है और इनके घर की कुर्की भी की जा चुकी है। इस मामले में स्वामी कैलाशानंद गिरि तभी से फरार हैं। वहीं बाबा बलराम दास हठयोगी ने हरिद्वार लोकसभा सीट से किसी संत को टिकट देने की मांग करते हुए प्रदेश में यूसीसी लागू करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को साधुवाद दिया।

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