रुड़की।
केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति में एनसीसी को प्रोत्साहन देने के प्रावधान के तहत यूजीसी और एआईसीटीई ने अब छात्रों को एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रुप में चुनने की मंजूरी दे दी। राष्ट्रीय कैडेट कोर से जुड़े कैडेट्स विश्व विद्यालय और महाविद्यालय में एनीसी को वैकल्पिक विषय के रुप में चयन कर सकेंगे।

इस सम्बन्ध में महानिदेशक एनसीसी की ओर से सभी विश्व विद्यालयों को पत्र जारी किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब एनीसीस को अधिक आकर्षक बनाने, युवाओं को प्रशिक्षित करने के साथ ही प्रतिभाओं को आत्मसात करने के लिए एनसीसी कैडेट् को वैकल्पिक विषय के रुप में पढ़ाया जायेगा।

विश्व विद्यालय स्तर पर कार्यान्वयन के तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा हैं। महाविद्यालय और विश्व विद्यालय छात्रों को अनुशासित बनाने, उनमें देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया गया। ऐसा करने से अनुशासन और टीम भावना के मूल्यों में संवर्द्धन होगा। एनसीसी के मूल पाठ्यक्रम में आने के बाद कैडेटों की मूलभूत शिक्षा को नई दिशा भी मिलेगी। इस पर कैडेटों ने खुशी जताई। देहरादून स्थित एनसीसी निदेशालय के एडीजी द्वारा गु्रप कमांडर के नेतृत्व में कोर टीमों का गठन किया गया। उत्तराखण्ड राज्य के एनसीसी यूनिटों के कमांडिंग ऑफिसरों को सभी विश्व विद्यालयों और टैक्निकल संस्थान के कुलपतियों को एनसीसी की शुरूआत के लिए सामान्य वैकल्पिक कैडेट पाठ्यक्रम सीबीएसई के बारे में विस्तृत जानकारी हेतू दिशा-निर्देश जारी किये गये। पाठ्यक्रम में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय के रुप में शामिल कर सकते हैं। जो छात्र कैडेट के रुप में दाखिला लेंगे, वह एनसीसी प्रशिक्षण के लिए क्रेडिट बी और सी प्रमाण पत्र के लिए शैक्षणिक क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगे।

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