रुड़की। ( बबलू सैनी )
सिविल लाइन पुलिस फरियादियों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोतवाली में जब भी कोई फरियादी अपनी शिकायत लेकर जाता है, तो पुलिस उससे अभद्रतापूर्ण व्यवहार करती है ओर पीड़ित को बोलती है कि इस मामले में कुछ नहीं हो सकता। ऐसे एक नहीं बल्कि अनेकों मामले हैं जिनमें पुलिस की इस तरह की लापरवाही सामने आती है। ऐसा ही एक मामला हाल ही में देखने को मिला, जिसमें पुलिस ने पहले तो पीड़िता की तहरीर नहीं ली और जब वह इस मामले की तहरीर लेकर एसपी देहात के कार्यालय पर पहुंची, तो उनके निर्देश मिलने के बाद कोतवाली पुलिस ने पीड़िता की तहरीर बदलवा दी और उसके बाद मुकदमा दर्ज किया। पीड़िता अजरा पुत्री शकील अहमद निवासी बंदा रोड ने पुलिस को बताया कि उसकी और उसकी बड़ी बहन की शादी मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार ग्रीन पार्क कॉलोनी गली नंबर-1 निवासी फारुख आजम व उसके भाई दाऊद पुत्रगण हाफिज इकराम के साथ 26 फरवरी 2021 को हुई थी, परिजनों द्वारा हैसियत से बढ़कर दान दहेज दिया गया था, बावजूद इसके ससुराल पक्ष के लोग खुश नहीं थे और लगातार दहेज की मांग कर रहे थे। मामूली बात पर भी लड़ाई झगड़ा करते रहते थे और दोनों बहनों से मारपीट भी होती थी। विगत 10 अप्रैल को आयशा के चीखने की आवाज आई, तो देखा कि उसकी सास नाजमा उसकी बड़ी बहन को जहरीला पदार्थ पिला रही है, जब वह बीच-बचाव करने पहुंचे तो मेरे साथ भी मारपीट हुई। जिसके बाद वह किसी तरह हमलावरों के चंगुल से फुटकर नीचे आई और परिजनों को फोन लगाया। इसके बाद आनन-फानन में परिजन मौके पर पहुंचे और दोनों बहनों को बामुश्किल बचाया। साथ ही घटना की जानकारी पुलिस को दी और आयशा को अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन जब घटना की तहरीर लेकर अजरा कोतवाली पहुंची, तो पुलिस ने उसका मुकदमा झूठा बताते हुए दर्ज करने से इंकार कर दिया। पीड़िता का बाद में एसपी देहात के पास पहुंची और उन्हें घटना की जानकारी दी। बाद में एसपी देहात ने कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पीड़िता कोतवाली पहुंची और पुलिस को तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने यहां चाल खेलते हुए मूल तहरीर को बदलवाकर तहरीर लिखवाकर उसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया। इसमें पति फारूख आजम, जीजा दाऊद, देवर आलम, सास नाजमा के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की धाराओं में केस दर्ज किया गया। पीड़ित परिवार का कहना है कि कोतवाली पुलिस आरोपियों से मिली हुई है और यही कारण है कि आज भी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। जबकि उसके ससुराल वाले मुकदमा वापस लेने को लेकर उस पर लगातार दबाव बना रहे हैं और जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। पीड़िता ने बताया कि यदि उसने मुकदमा वापस नहीं लिया तो उसे जान से मारने के साथ ही तीन तलाक की धमकी दी जा रही है। पीड़िता का आरोप है कि आरोपियों से मुझे ओर मेरे परिवार को जान माल का खतरा बना हुआ है। पीड़िता का कहना है कि यदि मुझे जल्द से जल्द न्याय नहीं मिला, तो मैं परिवार के साथ एसएसपी कार्यालय के बाहर धरना देने के लिए बाध्य होऊँगी।

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