रुड़की।  ( बबलू सैनी ) आईआईटी रुड़की द्वारा तकनीकी प्रदर्शनों की श्रृंखला में संस्थान ने विगत 3 से 6 सितम्बर 2022 के बीच आईआईटी रुड़की में चार दिवसीय ‘देवभूमि साइबर हैकाथॉन 2022’ के आयोजन के लिए आईहब दिव्य संपर्क और उत्तराखण्ड पुलिस के साथ साझेदारी की। देवभूमि साइबर हैकाथॉन 2022 के ग्राण्ड फिनाले के दौरान साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेन्ट एजेन्सी (डिपार्टमेन्ट ऑफ इन्फोर्मेशन एण्ड साइंस टेक्नोलॉजी) उत्तराखण्ड सरकार, स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखण्ड, (गृह विभाग, उत्तराखण्ड पुलिस), उत्तराखण्ड सरकार और आईआईटी रुड़की, उत्तराखण्ड के बीच एक समझौता भी हुआ। क्षमता निर्माण एवं ज्ञान विनियम, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास, साइबर सुरक्षा, थ्रेट इंटेलीजेन्स, अनुसंधान एवं विकास के लिए साइबर सिक्योरिटी सेंटर फॉर एक्सीलेन्स, तकनीकी समाधानों, साइबर सिक्योरिटी सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स, नीतिगत ढांचें के विकास, रियल टाईम व्यवहारिक अनुभव, छात्र इंटर्नशिप एवं जागरुकता जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह साझेदारी की गई। देवभूमि साइबर हैकाथॉन 2022 में हिस्सा लेने के लिए देशभर से बड़ी संख्या में प्रतिभागी आईआईटी रुड़की पहुंचे थे। 1700 छात्रों की 810 टीमों ने कार्यक्रम के लिए पंजीकरण किया, जिनमें से 40 टीमें ग्राण्ड फिनाले तक पहुंचीं। गृह मंत्रालय, केन्द्रीय एजेन्सियों एवं राज्य पुलिस के अधिकारियों ने भी आयोजन में हिस्सा लिया। साइबर अपराधों की जांच में आने वाली बाधाओं को दूर करने, साइबर फोरेंसिक के गहन विश्लेषण तथा राज्य में साइबर सम्पत्तियों के संरक्षण के लिए इस प्रतियोगिता को डिजाइन किया गया था। 48 घण्टे की हैकाथॉन के दौरान टीमों का मूल्यांकन किया गया। 4 दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन 3 सितम्बर को दोपहर एल2-103, संस्थान के एपीजे अब्दुल कलाम हॉल में हुआ, समापन समारोह का आयोजन संस्थान में एमएसी सभागार में आज किया गया। अमित सिन्हा, आईपीएस, एडीजी, उत्तराखण्ड उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे। अशोक कुमार, आईपीएस, डीजीपी उत्तराखण्ड ने समापन समारोह की अध्यक्षता की। डीजीपी उत्तारखण्ड और आईआईटी रुड़की के डायरेक्टर प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने हैकाथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया। चार दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले अन्य गणमान्य दिग्गजों में सेंथिल अवुदाई कृष्णा राज एस डीआईजी एसटीएफ/पीएण्डएम, उत्तराखण्ड पुलिस, बरिन्दर सिंह डीआईजी उत्तराखण्ड पुलिस, डॉ. मुरुगेसन एडीजी, उत्तराखण्ड, प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी डायरेक्टर आईआईटी रुड़की, प्रोफेसर मनोरंजन परीदा डिप्टी डायरेक्टर आईआईटी रुड़की, प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी डीन एसआईआईसी आईआईटी रुड़की, प्रोफेसर सतीश कुमार पेड्डोजु कम्प्युटर साइंस डिपार्टमेन्ट आईआईटी रुड़की और अंकुश मिश्रा, डिप्टी एसपी एसटीए उत्तराखण्ड पुलिस शामिल थे। आईआईटी रुड़की कार्यक्रम के लिए नॉलेज पार्टनर और कोलाबोरेटिंग पार्टनर है। देवभूमि साइबर हैकाथॉन 2.0 के पिछले संस्करण का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर किया गया था, जिसे भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं विभिन्न राज्यों ने खूब सराहा। प्रधानमंत्री हमेशा से हैकाथॉन द्वारा तकनीकी समाधानों की खोज पर जोर देते रहे हैं। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन ऐसा ही एक आयोजन था, जिसमें देशभर से छात्रों ने हिस्सा लिया था। इसी तरह उत्तराखण्ड पुलिस ने स्मार्ट पुलिसिंग के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्तराखण्ड राज्य में साइबर हैकाथॉन का आयोजन किया। यह ऐसा करने वाला उत्तरी भारत का पहला राज्य बन गया। इसी कड़ी में आईआईटी रुड़की ने उत्तराखण्ड पुलिस के लिए देवभूमि साइबर हैकाथॉन 2022 के दूसरे संस्करण का आयोजन किया। इस साझेदारी के बारे में बात करते हुए सेंथिल अवुदाई कृष्णा राज एस डीआईजी एसटीएफ/पीएण्डएम ने कहा कि एसटीएफ, आईटीडीए और आईआईटी रुड़की के बीच समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य साइबर सुरक्षा के लिए सख्त मॉडलों के विकास हेतु मार्गदर्शन, प्रशिक्षण गतिविधियों, क्षमता निर्माण, अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना है। इस मौके पर अमित सिन्हा आईपीएस एडीजी ने कहा कि उत्तराखण्ड साइबर पुलिस ने पिछले 1-2 सालों में सराहनीय कार्य किया है। इसी उत्साह के साथ अब हम ऐसे आधुनिक तकनीकी समाधान खोजना चाहते हैं, जो स्मार्ट पुलिसिंग को नया आयाम दे सकें। हमने साइबर सुरक्षा के लिए सूचना एवं क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी रुड़की के साथ साझेदारी की है। टीमों को ऐसे व्यवहारिक विचारों पर फोकस करना चाहिए, जिन्हें अपनाकर उत्तराखण्ड पुलिस समाज कल्याण को सुनिश्चित कर सके। सभी प्रतिभागियों को मेरी ओर से शुभकामनाएं। प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी डायरेक्टर आईआईटी रुड़की ने कहा कि देवभूमि साइबर हैकाथॉन एक ऐसा मंच है, जो तकनीक की मदद से वास्तविक जीवन की समस्याओं का हल करता हैं। आईआईटी रुड़की के लिए खुशी की बात है कि इसे साइबर स्पेस में क्षमता निर्माण के लिए आईटीडीए और उत्तराखण्ड पुलिस के साथ साझेदारी का मौका मिला है। अशोक कुमार आईपीएस डीजीपी उत्तराखण्ड ने कहा कि राज्य में स्मार्ट पुलिसिंग की हमारी पहल साइबर अपराधों को कम करने में मदद करेगी, हमारे इन्हीं प्रयासों के चलते नीति आयोग द्वारा 2021 में जारी स्थायी विकास लक्ष्यों की इंडिया इंडैक्स में हमें शीर्ष पायदान पर रखा गया। लेकिन तकनीक पर बढ़ती निर्भरता के साथ साइबर सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गई है। मैं आईआईटी रुड़की के प्रति आभारी हूं, जिन्होंने हैकाथॉन के आयोजन के लिए उत्तराखण्ड पुलिस के साथ साझेदारी की। ताकि किसी भी संभावी खतरे को समय रहते पहचान कर इस पर कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा साइबर सुरक्षा में आपसी सहयोग के साथ आईआईटी रुड़की और आईटीडीए भी भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत स्वदेशी सॉफ्टवेयर टूल्स के निर्माण पर काम करेंगे। मैं सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को बधाई देना चाहूंगा, जिन्होंने साइबर सुरक्षा की खामियों को दूर करने के लिए जोश और उत्साह का प्रदर्शन किया।

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