रुड़की। पिछले दिनों नगर निगम क्षेत्र के सलेमपुर राजपुताना गांव में तालाब के सौन्दर्यकरण के नाम पर ठेकेदार द्वारा करीब 45 लाख रुपये की मिट्टी का अवैध रुप से खनन कर दिया गया था। जबकि इसके लिए उक्त ठेकेदार ने नगर निगम अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं ली थी। बल्कि यहां से मिट्टी खनन कर कई स्थानों पर भारी भरकम भरान किया गया और उसके बदले में मोटी रकम वसूली।

इस सम्बन्ध में सलेमपुर निवासी समाजसेवी आदेश सैनी सम्राट व रघुनाथ सैनी द्वारा कई बार नगर निगम के अध्किारियों से इस सम्बन्ध में शिकायत कर जांच कराने की मांग की। लेकिन नगर निगम अधिकारियों ने इस मामले में हाथ खड़े कर दिये और ठेकेदार को खुली छूट दे दी। वहीं स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से भी बार-बार शिकायत की, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर जांच करने तक नहीं पहंुचा।

चारों ओर से निराश होकर समाजसेवी आदेश सैनी सम्राट व रघुनाथ सैनी ने हाईकोर्ट नैनीताल का दरवाजा खटखटाया और वहां अपनी अर्जी लगाई। जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने मुख्य सचिव उत्तराखण्ड को कारण बताओ नोटिस भेजकर जल्द रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया। जिस पर प्रशासनिक व नगर निगम अधिकारियों में हडकंप मच गया और इसकी गूंज रुड़की में भी सुनाई दी। इस पर एसएनए चन्द्रकांत भट्ट व तहसीलदार टीम के साथ बृहस्पतिवार को उक्त तालाब की जांच करने पहंुचे और उक्त अधिकारी जल्द ही अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौपेंगे। वहीं समाजसेवी आदेश सैनी सम्राट ने कहा कि भाजपा सरकार में इस प्रकार के मामलों को छिपाया जाता हैं। इस प्रकरण ने यह साबित कर दिया कि अब शासन- प्रशासन के अधिकारियों से जब न्याय न मिलें, तो ऐसे में न्यायालय की शरण लेना ही सबसे उत्तम हैं। साथ ही शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उन्हें उक्त टीम पर निष्पक्ष जांच का भरोसा नहीं हैं। इसलिए वह जल्द ही न्यायालय से गुहार लगायेंगे कि इसकी जांच के लिए टीम माननीय न्यायालय गठित करें और उनकी देखरेख में इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो। जो दोषी हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

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