रुड़की। ( बबलू सैनी )  जादू भारत की 64 कलाओं में से प्रसिद्ध ललित कला हैं। जिसे विकसित करने एवं समाज के हर व्यक्ति तक पहंुचाने का श्रेय समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं को जाता हैं। उक्त उद्गार राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्या रश्मि चौधरी ने जादूगर शिवम के शो का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि यह कला विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसे बचाने की आवश्यकता हैं। भारतीय जादू कला को विश्व व्यापी मान्यता मिली हैं। इस दौरान उन्होंने जादूगर शिवम को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। वहीं जादूगर सम्राट शिवम ने कहा कि यह कोई तंत्र-मंत्र नहीं हैं, बल्कि एक भ्रमित विज्ञान हैं। इसकी विज्ञान से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि रुड़की के लोगों ने जो सम्मान दिया हैं, उसे वह कभी भूल नहीं पायेंगे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार शशि कुमार सैनी ने किया। इस मौके पर डॉ. अभिषेक भटनागर, राकेश जैन, सागर जैन, बिना आनंद, पवन शर्मा, इमरान देशभक्त आदि मौजूद रहे।

वहीं दूसरी और बृहस्पतिवार को शो का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रुप में वरिष्ठ समाजसेवी वैद्य टेक वल्लभ द्वारा किया गया। वैद्य टेक वल्लभ ने स्वनिर्मित शरबत अमृतबेल, बुके देकर और शॉल ओढ़ाकर जादूगर शिवम को सम्मानित किया। इस अवसर पर वैद्य टेक वल्लभ ने कहा कि सभी तरह के मनोरंजन कार्यक्रमों और सभी विद्याओं में जादू की यह कला सर्वोत्तम है, जिसकी करामाते देखने में हम बिल्कुल खो जाते हैं और हृदय से आनंदित हो उठते हैं। प्राचीन काल से हम जादू के कार्यक्रम देखते आए हैं और आज भी जादू देखने में नये मनोरंजन का एहसास होता है। उन्होंने शिवम जादूगर के उत्तम भविष्य की कामना की और सभी क्षेत्रवासियों को बधाई की। वैद्य  वल्लभ ने सभी से आग्रह किया कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव के रूप में अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा उच्च स्थान पर अवश्य लगाएं। उनके साथ इंद्र बधान, राहुल कौशिक, संदीप भाटी, नमन कुमार आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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