रुड़की। ( बबलू सैनी/भूपेंद्र सिंह )
नगर निगम रुड़की की दूसरी बार हुई बोर्ड बैठक भी पहले से ज्यादा हंगामेदार रही। जहां पार्षदों के दो गुट नजर आए, वहीं बोर्ड बैठक में ज्यादा मुद्दे चर्चा में नही लाये गये, ना ही कोई टेंडर निर्माण कार्य संबंधित पास हो पाया। यही नहीं महापौर ओर पार्षदों के बीच एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला कई घंटे तक जारी रहा। दिलचस्प बात यह रही कि बोर्ड बेठक 2 साल में दूसरी बार हुई ओर काफी हंगामेदार रही। यह हंगामा उस समय तब और बढ़ गया, जब मेयर के खिलाफ वाले 24 पार्षदों ने कुछ
प्रस्तावों पर सहमति और कुछ पर असहमति वाला पत्र नगर आयुक्त को सौंपा। इस दौरान कुल 36 प्रस्ताव पास हो पाए, जबकि मेयर विरोधी पार्षदों ने कई प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिए गए। जिसे लेकर मेयर पक्ष वाले पार्षदों ने विरोधी गुट के पार्षदों पर शहर के विकास में रोड़ा बताकर काफी हंगामा किया और दोनों ओर से महिला पार्षदों व पुरूष पार्षदों में काफी तू-तू, मैं-मैं भी हुई। विरोधी गुट के पार्षदों द्वारा जब महापौर मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू किए गए, तो महापौर भी चुप नही बैठे और उन्होंने कहा कि पूर्व एमएनए, एसएनए भ्रष्टाचार में आकंठ तक डूबे हुए थे। जिन्हें मेयर का विरोध करने वाले पार्षदों का समर्थन प्राप्त था।
बोर्ड बैठक में पार्षदों ने महापौर गौरव गोयल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें नगर निगम का सबसे बड़ा कमीशन खोर बताया। साथ ही कहा कि महापौर गौरव गोयल द्वारा सिर्फ कमीशन प्राप्त होने वाले कार्यों को बोर्ड बैठक में रखा जाता है, जबकि शहर की जनता के विकास कार्यों से उन्हें कोई सरोकार नही रहा। पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया कि महापौर गौरव गोयल पार्षदों को गुटबाजी में फंसाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे है। जबकि इस बढ़ती ठंड में शहर में अलाव की समस्या पर कोई चर्चा नहीं हो पाई। न ही शहर के निर्माण कार्य, टैक्स बढ़ोतरी, शहर को विकास की और ले जाने के मुद्दे, सड़कें, एडीबी द्वारा अधर में छोड़े गए पेच वर्क के कार्य आदि पर कोई चर्चा नहीं हुई। बोर्ड बैठक में सिर्फ ओर सिर्फ पार्षदों ने महापौर ओर महापौर ने पार्षदों को भ्रष्टाचारी/कमीशनखोरी व निगम के ठेकेदार बताया। यह
हाईवोल्टेज ड्रामा कई घंटे तक चला, जिसके बाद एमएनए विजयनाथ शुक्ल ने बोर्ड बेठक को स्थगित कर दिया ओर महापौर गौरव गोयल बढ़ते हंगामे को देखते हुए बैठक से निकल गए। बाद में महापौर फिर से बैठक में आये और पार्षदों से एकजुटता के लिए वार्ता पर सहमति जताई। जिस पर पार्षदों ने महापौर को दो दिन का समय दिया। हंगामे के बाद पार्षदों के दोंनो गुटों में फिर एक बार काफी गर्म गरमाई हुई। वही बोर्ड बैठक समाप्त होने के बाद मेयर के पक्ष वाले पार्षद निगम परिसर में धरने पर बैठ गए, यह हंगामा भी काफी देर तक चला। इस बार बोर्ड बैठक में पहुँचे कलियर विधायक व निगम के पदेन सदस्य हाजी फुरकान अहमद भी मेयर विरोधी पार्षदों के साथ उनकी पंक्ति में बैठे नजर आये, जबकि महापौर ने एक बार भी उन्हें बुलाने का प्रयास नहीं किया। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि महापौर से पार्षद ही नही बल्कि पदेन सदस्य भी नाराज है। बोर्ड बैठक में मुख्य नगर आयुक्त विजयनाथ शुक्ल, सहायक नगर आयुक्त एसपी गुप्ता, कार्यालय अधीक्षक अब्दुल क़य्यूम के साथ ही पार्षद राकेश गर्ग, विवेक चौधरी, पंकज सतीजा, धीरज कुमार, डिंपल सैनी, मोहसीन अल्वी, अनूप राणा, शक्ति राणा, सपना धारीवाल, राजेश्वरी कश्यप, नामित पार्षद सतीश शर्मा, अमित प्रजापति समेत तमाम पार्षदगण व नामित पार्षदगण व निगम कर्मचारी गण मौजूद रहे।