रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) आज केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-एक रुड़की के प्रांगण में गणतंत्र दिवस समारोह हर्षोल्लास से मनाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि मेजर अंकित भीष्म रहे। मुख्य अतिथि ने प्राचार्य चन्द्रशेखर बिष्ट, उप प्राचार्या श्रीमती अंजू सिंह, शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं तथा विद्यार्थियों की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया तथा सभी ने एकजुट होकर राष्ट्रगान गाया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मार्च पास्ट किया। तत्पश्चात् प्राचार्य ने पुस्तक प्रदान कर मुख्य अतिथि स्वागत किया। इस अवसर पर विभिन्न रंगारंग प्रस्तुतियों ने अतिथियों का मन मोह लिया। योग, कविता पाठ, भाषण, राष्ट्रभक्ति गीत नृत्य ने समां बाँध दिया। कार्यक्रम में सजल केसरवानी कक्षा-7ब के विद्यार्थी ने अपने कविता पाठ से तथा अभिजीत राघव कक्षा 8अ के विद्यार्थी ने अपने भाषण से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी को 74वें गणतंत्र दिवस की शुभकामना देते हुए प्राचार्य चन्द्रशेखर बिष्ट ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इसका श्रेय भारतीय संविधान को जाता है। यह संविधान ही है, जो भारत के सभी जाति और वर्ग के लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में यह तैयार हुआ था। संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि 1930 में इसी दिन कांग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी। मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस भारत के इतिहास का स्वर्णिम दिन है। इस दिन भारत एक लोकतांत्रिक और संवैधानिक राष्ट्र बन गया था। गणतंत्र का अर्थ है, वह राज्य या राष्ट्र जिसमें समस्त राज्यसत्ता जनसाधारण के हाथ में हो और वे सामूहिक रूप से या अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के द्वारा शासन और न्याय का विधान करते हों। भारत के स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ी मेहनत और संघर्ष करके ही भारत को पूर्ण स्वराज्य दिलाया हैऔर इसकी रक्षा करना हम सभी का प्रथम कर्तव्य है। उप प्राचार्या अंजू सिंह ने कहा कि देश की सेवा केवल सीमा पर रहकर ही नहीं की जा सकती है, उसे हम अपने कार्यस्थल, अपने गांव अपने शहर में भी कर सकते है। कार्यक्रम का संचालन ओमबीर सिंह तथा पूनम कुमारी ने किया।

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