रूड़की। ( आयुष गुप्ता )
भारतीय किसान यूनियन (अंबावत) महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती रश्मि चौधरी ने बताया कि‌ जोशीमठ, हिमालय, गंगा और देश के किसान तथा कृषि भूमि को बचाने के लिए आगामी 12, 13 व 14 फरवरी को हरिद्वार मातृ सदन में विश्व के पर्यावरणविद, कई किसान संगठनों के नेता, प्रमुख समाजसेवी, राजनैतिक नेता एक विशाल महा सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। इस महापंचायत में साऊथ अफ्रीका के नेल्सन मंडेला मंत्री परिषद के पूर्व मंत्री,जगत गुरू शंकरा चार्य अविमुकतेश्वरा नंद, जल पुरुष राजेंद्र सिंह, पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना, भारतीय किसान यूनियन (अंबावत) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हरियाणा के वरिष्ठ किसान नेता गुरुनाम चढ़ूनी, पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत सहित विश्व की कई हस्तियां हिमालय और पानी को बचाने के लिए एक मंच पर दिखाई देंगे। हिमालय बचेगा तो तभी देश बचेगा। क्योंकि आज कल की सरकारों ने उत्तराखंड देव भूमि में कई बड़े-बड़े बाँध बनाकर हिमालय देव भूमि को खोखला कर दिया है, जिस कारण अभी तक पहाड़ों में आपदा का सिलसिला शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आपदा पूरे देश में पहुंच जाएगी। हिमालय में बद्रीनाथ, कैदारनाथ, गंगोत्री यमनोत्री यहाँ तक कि सिखों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल भी जोशीमठ के पास है, इन सबको बचाने के लिए अब सभी देशवासियों को एकजुट करने और अगली रणनीति बनाने के लिए मातृ सदन में यह सम्मेलन आयोजित किया गया है।मातृ सदन मे स्वामी सानंद उर्फ जीडी अग्रवाल, स्वामी निग्मानंद, स्वामी नागनाथ सहित माँ गंगा पर संसद में कानून बनाने कि मांग पर तपस्या करते हुए शहीद हो चुके है। उनके प्राणों के बलिदान को हम और हमारा संगठन वियर्थ नहीं होने देंगे। पांच मेगा वाट से अधिक बड़े बाँध नहीं बनने चाहिए, किन्तु इन सरकारों ने पूरे देश को विनाश के कगार पर खड़ा कर दिया है।

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