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जिस व्यक्ति में राष्ट्रभक्ति व देशभक्ति नहीं, उसका जीवन निरर्थक: बाबा फुलसन्दे

रुड़की। ( बबलू सैनी ) ‘एक तू सच्चा, तेरा नाम सच्चा’ ईश्वरीय मंत्र के दृष्टाऋषि सत्पुरूष बाबा फुलसंदे वाले ने कहा कि जिस व्यक्ति में राष्ट्रभक्ति व देशभक्ति नहीं, उसका जीवन निरर्थक हैं। हे प्रभू मेरे राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति आत्मा से तपस्वी व शरीर से मजबूत सैनिक बने, ताकि वह देश, धर्म व संस्कृति की प्राणपन से सेवा कर सके। हर देशभक्त के लिए देश का हिन्दुस्तान का स्थान सर्वोपरि होना चाहिए।
फुलसंदे वाले बाबा यहां रामनगर स्थित बारात घर में आयोजित त्रि-दिवसीय सत्संग के समापन अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को धर्म प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस मिथ्या संसार में हर कोई परिंदा घायल हैं, फिर भी जो उड़ रहा हैं, समझो वहीं जिंदा है। अपने-पराये की पहचान जो नहीं कर पाता, वह भड़कती आग में तिनकों की तरह जल जाता हैं। बाबा ने कहा कि हे ईश्वर पुत्रों इस जन्म-मरण का सागर पार करो, कुछ नहीं अब सपना है मत कुछ सोच-विचार करो। वो प्रभू सबके संग बसा हैं, पर कोई भाग्यशाली ही उसको जानता हैं, वो उसको प्रत्यक्ष करें, जो उसको जानता/पहचानता हैं। सत्पुरूष ने कहा कि तेरा मन जो चारों तरफ तिनकों की तरह उड़ता -फिरता हैं, मन को नियंत्रित कर शक्ति का सदुपयोग करना चाहिए। वो निराकार हैं, वो साकार हैं, वो सबसे निराला हैं। माथे के इस ताक में उसका उजाला चमकता है। ब्रह्मरुप गुरू के संग से प्रभू का संग नर पा सकता हैं। क्लेश मिटता हैं, अमृत सिन्ध समाता हैं परमात्मा, सच में आत्मा में बसता है। सत्संग के आयोजक भीमसैन मेंदहीरत्ता व बृजमोहन सैनी ने सभी आगंुतकों का आभार जताया। आज दिव्य सत्ंसग में अमित कपूर, जानकी अरोड़ा, राजकुमार उपाध्याय, शरद पांडे, धर्मवीर पिंकी, नरेश कपूर सहित अनेक सत्संगियों ने प्रतिभाग किया।

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