मंगलौर। ( बबलू सैनी )  खाद्यान्न मामलों में देश ने आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। आज आवश्यकता इस बात की है कि कृषि उत्पादन में स्थिरता के साथ-साथ उत्पाद की गुणवत्ता व पौष्टिकता में भी वृद्धि हो। इसके लिए अब हमारे किसान भाई प्राकृतिक व जैविक उत्पादन की ओर बढ़ रहे हैं, जो कि एक शुभ संकेत है। उक्त विचार ग्राम कुरड़ी मंगलौर में किसान सुबोध सैनी द्वारा शुरू किये जा रहे जैविक उत्पाद आउटलेट का उद्घाटन करने के उपरान्त आयोजित कृषक गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभाग में संचालित ‘ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना’ के नोडल अधिकारी तथा विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष पाण्डेय ने व्यक्त किये। इस अवसर पर उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए प्रो. पाण्डेय ने कहा कि कृषि उत्पादों के विक्रय स्थल भी कृषि-मौसम सूचनाओं के आदान-प्रदान का बेहतर विकल्प हो सकते हैं। परियोजना के

तकनीकी अधिकारी डॉ. अरविन्द श्रीवास्तव ने उपस्थित किसानों को जीकेएमएस परियोजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही कृषि-मौसम परामर्श सेवाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। गोष्ठी में उपस्थित किसानों को मौसम सूचनाओं को प्राप्त करने की जानकारी देने वाली पुस्तिका भी उपलब्ध कराई गई ताकि अधिक से अधिक किसान उक्त सेवा से लाभान्वित हो सकें। इस अवसर पर कृषक सुबोध सैनी द्वारा प्रतिष्ठान पर आने वाले किसानों का एक व्हाट्सप्प ग्रुप तैयार करके ‘मौसम मित्र’ के रुप में मौसम सूचनाओं को नियमित प्रसारित करने की स्वैच्छिक जिम्मेदारी ली गई। कृषक गोष्ठी को वरिष्ठ कृषक जयपाल सैनी कुरड़ी गाँव के निवासी, आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र तथा एमिटी विश्वविद्यालय में पूर्व प्राध्यापक डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह, लोजमो संयोजक व समाजसेवी सुभाष सैनी, भाजपा हरिद्वार जिला महामंत्री आदेश सैनी, भू-अमृत किसान उत्पादक संघ के मार्केटिंग मैनेजर शुभम सैनी, किसान अनिल सैनी ने भी सम्बोधित करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। गोष्ठी का संचालन अंकुर सैनी नगला ने किया तथा आभार ज्ञापन आज शुभारम्भ हुए ‘रामा कृष्णा’ जैविक उत्पाद प्रतिष्ठान के मालिक कृषक सुबोध सैनी द्वारा प्रस्तुत किया गया। किसान सुबोध सैनी ने बताया कि आईआईटी रुड़की की जीकेएमएस परियोजना के तहत समय-समय पर आयोजित होने वाले किसान जागरूकता कार्यक्रमों में विशेषज्ञों द्वारा जैविक कृषि व मौसम सेवाओं के बारे में जानकारी से प्रभावित होकर मैंने जैविक उत्पादों व मौसम सूचनाओं के प्रचार-प्रसार को ध्यान में रखकर आज इस कार्य की शुरुआत की है। इसके लिए परियोजना के नोडल अधिकारी प्रो. आशीष पाण्डेय विशेष तौर पर प्रेरणा स्रोत रहे हैं। गोष्ठी में चौधरी इशक लाल सैनी, सुरेश सैनी, पप्पू सैनी, राजेश सैनी, रफल, पिंटू, गजय सिंह सैनी सहित आस पड़ोस के गाँव से किसान व नागरिक मौजूद रहे।

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