देहरादून/संवादाता

राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स ने देर रात दिल्ली में कार्यवाही करते हुए साइबर फ्रॉड के 18 लाख ठगी मामले में तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार किये है। जबकि गैंग के 2 सदस्यों को कुछ दिन पूर्व राजस्थान से अरेस्ट किया जा चुका है।
जांच में अपराधियों द्वारा प्रयोग सिम कार्ड पश्चिम बंगाल के फर्जी पतो पर लिये जाना तथा उनका प्रयोग बिहार के जमतारा व पश्चित बंगाल मे प्रयोग किया जाना पाया गया। अपराधियों द्वारा वादी मुकदमा से ठगी धनराशि दिल्ली, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हिमांचल, पंजाब, राजस्थान आदि राज्यो के बैंक खातो/गोल्ड लोन खातो मे स्थानान्तरित होना पाया गया।
गौरतलब है कि शिकायतकर्ता के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लगभग 9 लाख, पंजाब नेशनल बैंक से 3 लाख, आईसीआईसीआई बैंक से 3.5 लाख एवं एक्सिस बैंक से 1 लाख की ठगी हुई। प्रभारी एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि जनता से अपील की है कि इस प्रकार केवाईसी अपडेट कराने के झूठे झांसे में ना भेजें क्योंकि कोई भी केवाईसी आपके फोन के माध्यम से नहीं होती है तथा किसी भी प्रकार की ट्रेनिंग ऐप हो जैसे कि क्विक सपोर्ट एनीडेस्क टीम विवर इन्हें पढ़ने के बाद ही इंस्टॉल करें क्योंकि इस प्रकार की आप प्रशिक्षण अथवा ट्रेनिंग देने हेतु प्रयोग में लाई जाती है परंतु साइबर अपराधी इसी चीज का गलत इस्तेमाल कर कर के पीड़ित के मोबाइल फोन को हैक कर लेते हैं। गिरफ्तार अभियुक्त ने अपना नाम दीपक मेहता पुत्र राजाराम (32) निवासी खसरा न0 488 डी ब्लाक भलस्बा डेरी थाना भलस्बा डेरी नई दिल्ली व अमित कुमार पुत्र स्व0 आशाराम (36) निवासी एन 118/65 बजीरपुर गांव अशोक बिहार थाना अशोक बिहार नई दिल्ली तथा मुकेश कुमार पुत्र मोहन लाल (23) निवासी सी खसरा न0 555 राजीव नगर भलस्बा डेरी थाना भलस्बा डेरी नई दिल्ली बताया। टीम ने उनके कब्जे से 3 मोबाइल फोन विभिन्न कम्पनियों के बरामद किए। टीम में पंकज पोखरियाल, उप निरीक्षक राजेश ध्यानी, मुख्य आरक्षी सुरेश कुमार व मुकेश कुमार आदि मौजूद रहे।

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