रुड़की/संवाददाता
रुड़की शहर में स्वच्छ पेयजल लाइन कही जाने वाली पानी की लाइन कितनी स्वच्छ जगह से गुजर रही है, इसका अंदाजा आपको शायद नहीं है? लेकिन इस खबर के माध्यम से आपको मालूम हो जाएगा कि रुड़की शहर की जनता कितने स्वच्छ पानी को पी रही हैं और कितने स्वच्छ पानी के पीने की कल्पना की जाती है।ऐसे एक दो नहीं बल्कि शहर के कोने-कोने से मामले सामने आए हैं जिनमें स्वच्छ पानी की पेयजल लाईन सीवर के चेंबर के बीच से होकर गुजर रही है।
ये ही नहीं चाहे पश्चिम अंबर तालाब हो या गणेशपुर क्षेत्र, पेयजल लाइन रुड़की शहर के सीवर चैम्बरों के बीच से होकर गुजर रही है। जिनकी शिकायतें रोजाना लोगों द्वारा की जाती है। शनिवार को जब उक्त शिकायत पर मीडिया टीम ने मौके पर जाकर देखा तो मौके पर स्थानीय जल संस्थान की टीम उक्त शिकायत का स्थलीय निरीक्षण कर रही थी। बाद में जब गड्ढा खोदकर देखा गया, तो पेयजल लाइन सीवर के चैम्बर के अंदर से गुजर रही है। यही नहीं एक पेयजल लाइन की लीकेज को तो कपड़े से रोका गया है। अब इस बात से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि करोड़ों रुपए के तैयार किए गए इस प्रोजेक्ट को धरातल पर कितना सफल और कारगर ढंग से उतारा गया है। बहरहाल कुछ भी हो जिस तरह से जनता की गाढ़ी कमाई से करोड़ों रुपए की लागत से इस प्रोजेक्ट को तैयार किया गया। इस प्रोजेक्ट की सच्चाई इस तरह की घटनाएं साफ उजागर कर रही है और जनता की गाढ़ी कमाई को अधिकारियों ने गबन कर लिया। इसका भी प्रमाण देती है। अब चाहे जनता इस पानी को पीकर बीमार पड़े या मरे। अधिकारियों को कोई अफसोस नहीं। जब इस संबंध में अधिकारियों से वार्ता की गई तो उन्होंने अपना पुराना फंडा अपनाते हुए पत्रकारों को गुमराह करने का राग अलापा। लेकिन जब पत्रकारों ने कड़ाई से पूछा तो वह लाइन पर आ गए और गलती को स्वीकार करते हुए भविष्य में दोबारा गलती न करने का आश्वासन दिया।

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