रुड़की। ( बबलू सैनी ) अपनी ही सरकार में भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल को आज झबरेड़ा नगर पंचायत कार्यालय के बाहर धरने पर बैठना पड़ा। इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि प्रहलाद सिंह गुर्जर के पत्र का संज्ञान लेते हुए रात्रि के समय नगर पंचायत कर्मियों द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणा के बोर्ड जिन पर बाबा साहेब, महात्मा ज्योतिबा फूले व गुरू रविदास महाराज के नाम अंकित थे, भेदभाव करते हुए उन्हें पैरों से रौंदा गया और टैªक्टर से टक्कर मारकर गिरा दिया। जिसके कारण सामाजिक वैमन्स्य फैलने की प्रबल संभावना थी, लेकिन पुलिस द्वारा उक्त टैªक्टर को थाने ले जाया गया और मामले को शांत कराया। साथ ही कहा कि यह घटना 21 जनवरी को हुई। इसे देखकर प्रमोद महाजन सैकड़ों लोगों के साथ थाने पर पहंुचे और आरोपी जुल्फान पुत्र नामालूम व गुड्डू पुत्र अफजाल के खिलाफ तहरीर दी गई। 22 जनवरी को महीपाल द्वारा थाने में तहरीर दी गई कि किसी भी जिले में की जाने वाली सीएम की घोषणा का प्रस्ताव सम्बन्धित जिलाधिकारी/निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रेषित किया जाता हैं। उन्होंने कहा कि मेरे प्रस्ताव पर एक कार्यक्रम भी किया गया था। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत झबरेड़ा के दबाव में यह आपराधिक कार्य किया गया और थानाध्यक्ष ने इसे सूझ-बूझ से सुलझाया। यह जघन्य अपराध की श्रेणी में आता हैं। साथ ही बताया कि मुझे कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए निवर्तमान सम्बोधित किया गया। मैं अनुसूचित जाति का विधायक हूं, नगर पंचायत अध्यक्ष के निर्देश पर किये गये भेदभाव पूर्ण जातीय मानसिकता से ग्रसित इस कृत्य के कारण आज मुझे धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ा। साथ ही बताया कि कारण बाताओ नोटिस को तत्काल निरस्त कर मुझे लिखित में अवगत कराया जाये। साथ ही कर्मियों द्वारा महापुरूषों के अपमान के लिए समाज से मांफी मांगी जाये और यह भी पूछा कि आखिर यह कारण बताओ नोटिस किन नियमों, शासनादेशों एवं उच्च अधिकारियों के निर्देशों के आधार पर दिया गया, इसका भी जवाब दें। साथ ही इस सम्बन्ध मंे उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारतीय निर्वाचन आयुक्त नई दित्त्ली, मुख्य निर्वाचन अधिकारी देहरादून, विधानसभा अध्यक्ष देहरादून, मुख्य सचिव, नगर विकास सचिवालय देहरादून, जिलाधिकारी हरिद्वार को भी प्रतिलिपि प्रेषत की गई हैं। समाचार लिखे जाने तक उनका समर्थकों के साथ धरना जारी था।