भगवानपुर। ( आयुष गुप्ता )
बुग्गावाला क्षेत्र के एक गांव में प्रेमी से शादी करने की जिद पर अड़ी युवती के परिजनों ने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। मामले की सुनवाई के बाद द्वितीय अपर जिला जज संजीव कुमार ने मृतक युवती के भाई, मां व एक अन्य को हत्या, षडयंत्र व साक्ष्य छिपाने का दोषी करार दिया है। वहीं, एक आरोपी सिरमौर सिंह को अन्य के साथ मिलकर साक्ष्य मिटाने का दोषी पाया है। कोर्ट ने आरोपी भाई, मां व सुनील उर्फ बल्ली को आजीवन कारावास व एक लाख सात हजार रुपये और चौथे आरोपी सिरमौर सिंह को साक्ष्य छिपाने व जान से मारने की धमकी देने पर सात वर्ष की कठोर कैद व 12 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता राजकुमार ने बताया कि 22 अक्टूबर 2017 की रात बुग्गावाला क्षेत्र में एक युवती की उसके भाई सौरभ, मां मितलेश देवी, सुनील उर्फ बल्ली, सिरमौर सिंह व मामा अशोक पर गला घोंटकर हत्या करने का आरोप लगाया था। यही नहीं, आरोपियों ने गांव के साथ मिलकर तड़के ही युवती का अंतिम संस्कार भी कर दिया था। बुग्गावाला निवासी शिकायतकर्ता अजय सिंह ने पुलिस को बताया था कि वह बुधवा शहीद गांव में स्थित पैराडाइज स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का काम करता है। शिकायतकर्ता प्रेमी ने पुलिस को बताया कि वह व मृतक शिवानी एक दूसरे से प्यार करते थे। आपस में शादी करना चाहते थे, किंतु सभी आरोपी दोनों की शादी से खुश नहीं थे। यही नहीं, सभी आरोपी आपस में मिलकर शिवानी की हत्या की योजना बनाने लगे। शिवानी के विरोध करने पर सभी आरोपियों ने आपस में साजकर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी है। पुलिस ने शिकायतकर्ता अजय सिंह की लिखित शिकायत पर आरोपी सौरभ पुत्र राजेंद्र सिंह, उसकी मां मितलेश देवी, सुनील उर्फ बल्ली, सिरमौर सिंह पुत्र केहर सिंह व मामा अशोक के खिलाफ, षडयंत्र रचकर हत्या, शव छिपाने व जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज किया था। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 17 गवाह पेश किए।
प्रेमी की गरीबी बनी वजह
शिकायतकर्ता प्रेमी अजय सिंह ने पुलिस को बताया कि वह एक निजी स्कूल में अध्यापक है। शिकायतकर्ता व शिवानी एक दूसरे से प्यार व शादी करना चाहते थे। शिकायतकर्ता की आर्थिक स्थिति कमजोर है। जिस पर सभी आरोपी शिवानी की शादी का विरोध कर रहे थे।
मृतका के मामा को क्लीनचिट
मृतक शिवानी के मामा अशोक पर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचकर उसकी हत्या कर शव को छिपाने का आरोप लगाया गया था। पुलिस की जांच में मामा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिलें। जिस पर पुलिस ने चार्जशीट में मामा को क्लीनचिट दे दी थी।
जुर्माना ने देने पर एक साल की सजा
अपर जिला जज ने आरोपी भाई, मां व रिश्तेदार सुनील उर्फ बल्ली को आजीवन कारावास व एक लाख सात हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि नही देने पर तीनों को एक एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने होगी। वही, चौथे आरोपी सिरमौर सिंह को सात वर्ष की कैद व 12 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि नही देने पर इसे तीन महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

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