भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत को नेता चुन लिया गया। उनका का जन्म 4 अप्रैल 1949 में सीरों, पट्टी असवालस्यूं पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड में हुआ था। तीरथ सिंह रावत की गिनती पार्टी के बड़े नेताओं में होती है और वह गढ़वाल से सांसद होने के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। 2019 में वह हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रभारी भी बनाए गए थे। तीरथ सिंह रावत की पहचान उनको बेहद सरल व्यक्तित्व है। लोगों से उनका हमेशा से जुड़ाव बना रहा। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मं तीरथ सिंह रावत ने छात्र राजनीति से अपनी शुरुआत की थी। 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे, फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (उत्तराखंड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रहे।

हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे. 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए और विधान परिषद में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए।वो साल 2000 में नवगठित उत्तराखंड के पहले शिक्षा मंत्री बने थे। इसके बाद 2007 में बीजेपी ने उन्हें उत्तराखंड का प्रदेश महामंत्री बनाया। इसके बाद वह प्रदेश चुनाव अधिकारी और प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे।

साल 2012 में वो चैबटाखाल विधान सभा से विधायक निर्वाचित हुए और साल 2013 में उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने। तीरथ सिंह रावत 2013 उत्तराखण्ड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष भी रहे। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने तीरथ सिंह रावत को गढ़वाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मनीष खंडूड़ी को 2,85,003 से अधिक मतों से हराया था। तीरथ सिंह रावत को बेदाग छवि का नेता माना जाता है। भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था।

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