रुड़की।  ( आयुष गुप्ता ) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने अपने 175 साल के अस्तित्व को चिह्नित करते हुए प्रौद्योगिकी के एकीकरण के साथ बेहतर शासन के माध्यम से संस्थागत परिवर्तन पर दो दिवसीय विषयगत कार्यशाला-सह-आईआईटी रजिस्ट्रार कॉन्क्लेव-2022 (थीमेटिक वर्कशॉप-कम आई आई टी रेजिस्ट्रार्स कॉन्क्लेव-2022) का आयोजन किया। दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन बृहस्पतिवार को हुआ और 14 अक्टूबर को बाहरी प्रतिभागियों के लिए आयोजित एक परिसर दौरे के साथ समाप्त हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन भाषण कार्यवाहक निदेशक प्रो. एम.एल. शर्मा आईआईटी रुड़की द्वारा दिया गया। इस कार्यशाला में सभी आईआईटी रजिस्ट्रार शामिल हुए। आईआईएम बैंगलोर के प्रो. एल. प्रसाद और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन से प्रो. मोना खरे ने क्रमशः ‘प्रेपरिंग आईआईटीज प्रोऐक्टिवली फॉर थे, एन्विजन्ड मेटावर्स फ्यूचर और ‘इम्प्रूविंग इंस्टिटूशनल प्रोडक्टिविटी एंड सस्टेनेबिलिटी’ पर तकनीकी सत्र दिए हैं। रजिस्ट्रार आईआईटी भिलाई, आईआईटी दिल्ली और आईआईटी रुड़की ने भी क्रमशः ‘इफेक्ट ऑफ इंडस्ट्री 4.0 टेक्नोलॉजी ऑन एडमिनिस्ट्रेशन’, ‘इंस्टीटूशनल परफॉरमेंस एनहांसमेंट, टेक-ड्रिवेन रिसर्च सपोर्ट फॉर एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म प्रफेमवर्क, ट्रांस्फॉर्मटिव लेबोरेटरी एंड रिसर्च फैसिलिटी मैनेजमेंट’, और आईआईटी रुड़की ट्रांसफॉर्मेशन एंड यूसेज ऑफ टेक्नोलॉजी इन गवर्नेंस’ पर पत्र प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन आईआईटी रुड़की के रजिस्ट्रार प्रशांत गर्ग ने किया। कार्यशाला में वित्त अधिकारी जी.के. रस्तोगी, संयुक्त रजिस्ट्रार श्याम नारायण, उप पंजीयक डॉ. शीबा रमोला, उप पंजीयक ए.के. श्रीवास्तव, उप पंजीयक संजीव कुमार जैनथ और सहायक कुलसचिव ने भाग लिया। कार्यशाला में अच्छा टीम वर्क परिलक्षित हुआ। इस कार्यशाला में सभी आईआईटी रजिस्ट्रार कॉन्क्लेव के लिए एक सत्र भी था, जो अपने संबंधित आईआईटी में बेहतर सेवाओं के लिए समाधान विकसित करने हेतु सामान्य हित के विभिन्न एजेंडा मदों पर विचार-विमर्श के लिए समर्पित था। समापन समारोह में सभी अतिथि प्रतिभागियों और वक्ताओं द्वारा विचार साझा किए गए। उन्होंने प्रभावी शासन के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग, पारदर्शिता, जवाबदेही और विकेंद्रीकरण की एक समर्पित टीम द्वारा प्रशासन, डेटा और सॉफ्टवेयर अद्यतन लाभों में प्रौद्योगिकी की आवश्यकता व्यक्त की। डिजिटल परिवर्तन और मेटावर्स फ्रयूचर के लिए आईआईटी तैयार करने के लिए स्किलिंग, अपस्किलिंग, रीस्किलिंग और नियोस्किलिंग पर भी विचार साझा किए गए। कार्यशाला में प्रतिभागियों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान की पहल और उत्साह की सराहना करते हुए प्रशांत गर्ग रजिस्ट्रार आईआईटी रुड़की ने कहा कि ‘नवाचार को बढ़ावा देना, अधिक सहयोग और ज्ञान प्रबंधन बेहतर शासन के लिए तीन स्तंभ हैं। एकीकरण प्रौद्योगिकी हमें लक्ष्य की ओर ले जाएगी। सीखना और गरीबों को शिक्षा प्रदान करना और अनुचित श्रम को समाप्त करना न केवल हमें एक न्यायपूर्ण समाज बनाएगा, बल्कि क्षमता निर्माण को उत्प्रेरित करेगा।

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