झबरेड़ा।  ( आयुष गुप्ता ) नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालक आवासीय छात्रावास में छात्रों के लिए आईआईटी रुड़की की ओर से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया। इससे 150 विद्यार्थियों के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। इसे लेकर ग्रामीणों व छात्रों ने हर्ष जताया।
कुंजा बहादुरपुर गांव में तीन स्थानों से पेयजल के नमूने लिए गए थे। जिनमें मंदिर के पास, जीआईसी व नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालक आवासीय छात्रावास में पेयजल दूषित पाया गया था। पांच माह पूर्व एक दैनिक अखबार ने कुंजा बहादुरपुर गांव में दूषित पानी को लेकर प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया था। जिस पर आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिको ने भी गांव के पानी के नमूने लिए थे और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी पेयजल के टैस्ट कराए थे। आईआईटी की प्रयोगशाला के टेस्ट में पानी में हानिकारक तत्व आर्सेनिक की मात्रा सामान्य से ज्यादा मिली थी। इससे गम्भीर बीमारी होने की आशंका जताई गई थी। उसी दौरान गांव में कैंसर से पीड़ित 11 लोगों की मौत हुई थी। ग्रामीण दूषित पेयजल को ही बीमारी का कारण मान रहे थे। शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आईआईटी के वैज्ञानिकों की टीम इस पर काम कर रही थी। शुक्रवार को कुंजा गांव के छात्रावास में आईआईटी की टीम ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भेंटकर उसे स्थापित कराया। टीम में डिपार्टमेंट आॅफ साइंस एंड टेक्नोलाॅजी के वैज्ञानिक प्रवीन अरोड़ा, संजय कुमार नई दिल्ली व आईआईटी रुड़की के कैमिकल इंजीनियरिंग से वैज्ञानिक प्रसेनजीत मंडल, यश दुआ व साचिन माटा व हेमंत गोयल ने कुंजा गांव आकर ट्रीटमेंट प्लान्ट का शुभारम्भ कराया। उन्होंने बताया कि इस ट्रीटमेंट प्लान्ट से आर्सेनिक मुक्त संतुलित मात्रा का पेयजल उपलब्ध होगा। उन्होंने शीघ्र ही सर्दी में छात्रों के नहाने के लिए एक ब्वाॅयलर उपलब्ध करवाने का आश्वासन भी दिया। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी संजीव जोशी, जीआईसी प्रधानाचार्य वीपी त्रिपाठी, ग्रामीण जितेंद्र चैधरी, टिटू, प्रमोद, अनिल कुमार, धर्मपाल व चंकी चैधरी ने दिल्ली व आईआईटी टीम का आभार जताया। वही छात्रावास के विद्यार्थियांे व स्टाफ तरसेम, रिंकी, सोनिया, गीता व बबीता आदि ने शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने पर हर्ष जताया।

By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share