रुड़की।
हिन्दी साहित्य भारती उत्तराखण्ड की प्रदेश कार्यकारिणी की तृतीय बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय भाषा विशेषज्ञ डॉ० जयन्ती प्रसाद नौटियाल और संचालन प्रदेश महामंत्री डॉ० कविता भट्ट “शैलपुत्री” ने किया। केन्द्रीय उपाध्यक्ष प्रो० नरेश मिश्र को उत्तराखण्ड का प्रदेश प्रभारी बनाये जाने पर सभी ने हर्ष प्रकट करते हुए उनका अभिनन्दन किया गया। मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार डॉ० रवींद्र शुक्ल ने कहा कि किसी भी संगठन की सफलता के लिए सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हिन्दी साहित्य भारती का उद्देश्य हिन्दी भाषा, हिन्दी साहित्य और हिन्दी साहित्यकारों को वह सम्मान दिलाना है, जिसके वे हकदार हैं। डॉ. शुक्ल ने कहा कि साहित्य वही है जो जन कल्याणकारी हो और जिसमें राष्ट्रवादी सोच परिलक्षित होती हो। केन्द्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमारा हिन्दी साहित्य भारती संगठन अपने तीनों शब्दों को सार्थक करने में पूरे उत्साह के साथ जुटा है। विशिष्ट अतिथि, केन्द्रीय महामन्त्री डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि हिन्दी साहित्य भारती अपने आयामों “राष्ट्रवन्दन अतीत का अभिनन्दन”, “राष्ट्रवन्दन वर्तमान का अभिनन्दन”, राष्ट्रवन्दन कवि अभिनन्दन” और हिन्दी को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने के लिए ‘महामहिम राष्ट्रपति के नाम पत्र लेखन’ के माध्यम से अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में सतत प्रयत्नशील है। उत्तराखण्ड में हिन्दी साहित्य भारती की विकास यात्रा और सम्भावनाओं को डॉ. अनिल शर्मा ने उत्साहजनक बताते हुए प्रदेश नेतृत्व की सराहना की। उत्तराखण्ड प्रदेश के नवनियुक्त प्रभारी, प्रसिद्ध भाषा विज्ञानी और केन्द्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर नरेश मिश्र ने प्रदेश एवं जिला कार्यकारिणियों का सांगठनिक विवरण प्राप्त किया। उन्होंने उत्तराखण्ड का प्रदेश प्रभारी नियुक्त किये जाने पर केन्द्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए संगठन की प्रगति में हरसम्भव योगदान देने का संकल्प व्यक्त किया। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष, केन्द्रीय उपाध्यक्ष और बिहार के प्रदेश प्रभारी, प्रसिद्ध गीतकार डॉ० बुद्धिनाथ मिश्र ने अपने उत्तराधिकारी नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष डॉ० जयन्ती प्रसाद नौटियाल को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि वह पूर्व की भाँति प्रदेश की समस्त गतिविधियों में सक्रिय भूमिका का निर्वहन करते रहेंगे। प्रदेश अध्यक्ष डॉ० जयन्ती प्रसाद नौटियाल ने कहा कि आज हिन्दी विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है, इसलिए भारत में हिन्दी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक दर्जा प्राप्त होना ही चाहिए। डॉ. नौटियाल ने कहा कि प्रत्येक कार्यकर्ता का सहयोग लेकर हिन्दी साहित्य भारती को उत्तराखण्ड में और अधिक गतिशील बनाया जायेगा। बैठक का सफलतापूर्वक संचालन करते हुए प्रदेश महामन्त्री प्रसिद्ध लेखिका एवं कवयित्री डॉ. कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ ने आशा व्यक्त की कि केन्द्रीय नेतृत्व के प्रोत्साहन और प्रदेश के कार्यकर्ताओं की ऊर्जा के बल पर उत्तराखण्ड में हिन्दी साहित्य भारती प्रगति के नवीन कीर्तिमान स्थापित करेगी। उन्होंने पत्रलेखन अभियान की केंद्रीय संयोजिका होने के नाते सभी से अनुरोध किया कि इस अभियान को सफल बनाने हेतु सभी को समर्पित भाव से प्रयास करने की आवश्यकता है। बैठक में पत्रलेखन अभियान को और अधिक गति देने तथा जनपदों में संगठन को सुदृढ़ करने पर बल दिया गया। केन्द्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय महामन्त्री ने कार्यकर्ताओं की अनेक जिज्ञासाओं का समाधान किया। प्रदेश संयुक्त महामन्त्री मीनू जोशी ने सरस्वती वन्दना और जिला उपाध्यक्ष चम्पावत दीपा पाण्डेय ने केन्द्रीय अध्यक्ष डॉ० रवीन्द्र शुक्ल द्वारा रचित मातृ-वन्दना प्रस्तुत की। प्रदेश मंत्री बीना जोशी ने स्वागत भाषण और प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ० महेश शर्मा ने समस्त आगन्तुकों का आभार ज्ञापित किया। प्रदेश उपाध्यक्ष ललित राठौर “शौर्य” को उनके बाल कहानी संग्रह “कोरोना वारियर्स” के हाल ही में मुख्यमन्त्री पुष्कर धामी द्वारा लोकार्पण किये जाने पर बधाई प्रेषित की गई। बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन डॉ० कलीराम भट्ट, प्रदेश मन्त्री रामशंकर सिंह, प्रदेश मन्त्री डॉ० बसन्ती मठपाल, प्रदेश मीडिया संयोजक ठाकुर मोहित सिंह, प्रदेश सदस्य डॉ० भगवती पनेरू, अरुण शर्मा, आचार्य कृष्णानन्द नौटियाल, पौड़ी से डॉ० दिनेश पाठक, विजय रतूड़ी, राजेश जोशी, भगत सिंह राणा हिमाद, जितेंद्र राय, डॉ० गोपाल कृष्ण जोशी, अलका शर्मा, डॉ० रोशन बलूनी, साधना जोशी, डॉ० सुनील थपलियाल, बेलीराम कंसवाल, संजय भारद्वाज, शशि देवली, नन्दन राणा नवल, डॉ० अनुपम शुक्ल, मोती प्रसाद साहू समेत अनेक पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद रहे।
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