रुड़की।
हाल ही में कुछ समय पूर्व हरियाणा के सोने की तस्करी करने वाले ठग दस करोड़ से भी अधिक की धनराशि कस्बे के सोना व्यापारियों से ठग ले गये थे। इस मामले में सबसे बड़ी बात यह रही कि जिन लोगों को तस्करों ने ठगा, वह अपनी जुबान खोलने को तैयार ही नहीं हैं। चर्चा है कि हरियाणा का गिरोह लम्बे समय से यहां कस्बे में कम कीमत पर सोना उपलब्ध कराकर अपना विश्वास कायम रखने में सफल हो गया था। रातों- रात अमीर बनने की चाह में कई लोग सोने के व्यापार से जुड़ गये। कुछ समय तो यह धंधा सोने की चिड़िया बनकर चलता रहा और लोग अमीर बनते गये। लेकिन अधिक धन के लालच में लोग इतने लीन हो गये कि वह इस शातिर गिरोह पर आंख मूंदकर विश्वास करने लगे। बस यही कमजोरी इन्हें ले डूबी। चर्चा है कि शातिर ठग दस करोड़ से भी अधिक रुपये का चूना लगाकर रफूचक्कर हो गये और यहां के लालची लोग हाथ मलते रह गये। इस घटना को करीब एक माह हो चुका हैं। लेकिन कोई भी व्यक्ति अपनी पीड़ा नहीं बता रहा हैं। यही नहीं इस सम्बन्ध में न तो स्थानीय पुलिस व प्रशासन को कोई शिकायत की गई। ऐसा लगता है कि उक्त लोगों को यह डर है कि अगर मामला सार्वजनिक हुआ, तो यह भी पूछा जायेगा कि इतनी बड़ी धनराशि कहां से और कैसे अर्जित की गई। वह आयकर विभाग के चपेटे में भी आ सकते हैं। इसलिए इस मामले को जान-बूझकर दबाने का प्रयास किया जा रहा हैं। जबकि किसी भी चौराहे या तिराहे पर कुछ लोग अगर आपस में चर्चा करते हैं, तो वह सोने के व्यापार को लेकर ही हो रही हैं। इस सम्बन्ध में नगर के समाजसेवी गौरव वर्मा ने कहा कि कस्बे में इतनी बड़ी घटना हुई और सोने के तस्कर करोड़ों की रकम लेकर फरार हो गये। कौन-कौन लोग इस गिरोह से जुड़े हुये थे, उनकी जांच होना नितांत आवश्यक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि झबरेड़ा के चारों ओर बड़ी संख्या में कुछ लोग बैनामी प्रॉपर्टी खरीदने व बेचने में लगे हुये हैं। यह पैसा कहां से आ रहा हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। साथ ही यह भी पूछा जाना चाहिए कि सोना तस्कर कबसे यहां अपना जाल फैला रहे थे और कितने लोग ठगे गये। गहनता से इसकी जांच हो। ऐसे लोग सरकार के कर की चोरी कर रहे हैं। इसलिए इस घटना का पर्दाफाश होना चाहिए। ताकि भविष्य में इस प्रकार के कार्यों में धन अर्जित करने वाले व्यक्ति जीएसटी के दायरे में आ सके। सबसे बड़ी बात यह है कि कुछ लोगों ने इस धंधे में कर्ज लेकर अपनी किस्मत अजमाने का प्रयास किया, जो चमकने से पहले ही अंधेरे में डूब गये। बहरहाल कुछ भी हो, इस मामले में शासन-प्रशासन को गहनता से जांच कर इस घटना से पर्दा उठाना चाहिए।

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