हरिद्वार। ( आयुष गुप्ता )
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में संतों के दो गुटों में उत्पन्न हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अखाड़े के संतों ने बैठक कर जहां नगर विधायक मदन कौशिक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। वहीं पीएम मोदी व सीएम धामी ने विधायक पर लगाम कसने की मांग की। साथ ही निष्कासित किए गए संतों से भी पंच परमेश्वर के फैसले को मानने व कोर्ट आदि से दूर रहने का अनुरोध किया गया।
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के संतों की एक बैठक अखाड़े में आयोजित हुई। बैठक में निष्कासित संतों के साथ मिलकर अखाड़े की आंतरिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए नगर विधायक मदन कौशिक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। इस अवसर पर जानकारी देते हुए अखाड़े के महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश ने जिन संतों को निष्कासित किया गया है। वह व्यवसायिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं। जिसके चलते उनके खिलाफ यह कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि संतों की बैठक से नगर विधायक मदन कौशिक भी घबराए हुए हैं। कहा कि धर्म क्षेत्र के कार्य में अग्रणी रहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पार्टी के विधायक मदन कौशिक को अखाड़े की सम्पत्तियों पर कुदृष्टि रखना और हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

इसके कारण आने वाले समय में पार्टी के समक्ष बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने कहाकि मदन कौशिक एक पक्ष बनकर रघुमुनि के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से विधायक की गतिविधियां हैं और संत करूण पुकार कर रहे हैं उसको देखते हुए संतों की पीड़ा और व्यथा को संगठन और सरकार को सुनना चाहिए। हिन्दू रक्षा सेना के प्रमुख महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहा कि नगर विधायक की तीर्थनगरी के आश्रम-अखाड़ों पर गिद्ध दृष्टि रही है। उन्होंने कहा कि यह इसी काम में लगे हुए है की हरिद्वार के आध्यात्मिक स्वरूप को कैसे बिगाड़ा जाए। उन्होंने कहाकि अखाड़े में नेताओं को हस्तक्षेप से दूर रहना चाहिए। बैठक में महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश, स्थानीय समिति के स्वामी जयेन्द्र मुनि, स्वामी प्रेमदास, कैवल्यानंद, गोविन्द दास, बलवंत दास, मुरली दास, राघवेन्द्र दास, सेवादास व विष्णु दास आदि मौजूद रहे।

By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share