रुड़की। एक ओर जहां सूबे के डीजीपी अशोक कुमार नशा मुक्त अभियान चलाकर सूबे से नशे की जड़ें समाप्त करने के लिए मुहिम चला रहे हैं। वहीं उनके अधिनस्थ चुंनिदा पुलिसकर्मी इस अभियान मंे रोड़ा बन रहे हैं। बताया गया है कि सिविल लाईन कोतवाली अन्तर्गत ग्राम भंगेड़ी महावतपुर गांव में एक ऐसा गिरोह हैं, जो पिछले लम्बे समय से मैडिकल, परचून आदि की दुकानों पर गांजा, चरस, ड्रग्स व फ्लुड आदि की सप्लाई करता हैं और उक्त दुकानदार पुलिस संरक्षण में इन नशे के मादक पदार्थों को बेच रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि नौजवान युवाओं को पहले लाईन पर लगाया जाता हैं और धीरे-धीरे वह नशे के आदि बन जाते हैं। इस कारण गांव के युवाओं का भविष्य जान-बूझकर नरक में धकेला जा रहा हैं। कई युवा तो नशा करने के लिए अपने घर का सामान तक बेच चुके हैं। इस सम्बन्ध में समाजसेवी लोगों द्वारा पुलिस से शिकायत की गई, लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिसकर्मी यहां आते हैं और जिन दुकानों पर नशे का कारोबार होता हैं, उनसे लेनदेन कर चले जाते हैं। यही कारण है कि इस गांव में नशे का प्रचलन तेजी के साथ बढ़ रहा हैं। पुलिस कार्रवाई न होने से निराश सैकड़ों युवाओं ने गांव में जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सिविल लाईन पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी की। साथ ही कहा कि यदि जल्द से जल्द नशे के इस कारोबार पर लगाम नहीं लगी, तो वह उग्र प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

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