रुड़की। ( बबलू सैनी ) शेलनट देवभूमि ड्रामा एकेडमी की ओर से दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के सहयोग से 30 दिवसीय बाल नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला के गार्जियन सेशन में छात्र-छात्राओं ने नाट्य कला के साथ योग के महत्व, गायन, नृत्य, भूतकाल, वर्तमान तथा भविष्य के कार्यकलापों का अभिनय के माध्यम से चित्रण किया।
कार्यशाला के तृतीय चरण में श्याम मित्र मंडल रुडकी के शहर अध्यक्ष/समाजसेवी राकेश अग्रवाल ने दीप प्रजज्वलित तथा अंतर्राष्ट्रीय शायर व उर्दू अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष अफजल मंगलोरी ने फीता काटकर कार्यशाला का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए समाजसेवी राकेश अग्रवाल ने कहा कि रुडकी में देवभूमि नाट्य एकेडमी एकमात्र ऐसा मंच है, जो कई वर्षो से बच्चों में प्रतिभाओं को तलाश कर उनको राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान कर रहा है।

विशिष्ट अतिथि अंतर्राष्ट्रीय शायर अफजल मंगलोरी ने नाट्य कार्यशाला के प्रतिभागियों को देशभक्ति के गीतों के माध्यम से मंच पर प्रस्तुति के अंदाज बताए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रुड़की कार्यशाला के कैम्प डायरेक्टर विजय राजवंशी व राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व छात्र राम प्रताप ने अपनी अथक मेहनत और विशेष नाट्य शैली के द्वारा कार्यशाला में शामिल छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को रंगमंच के रचनात्मक गुणों से अवगत कर निडर, निर्भीक व हौसले के साथ मंच पर बोलने के गुर सिखाए। विजय राजवंशी ने रंगमंच के माध्यम से अभिभावकों को उनके बचपन से रुबरू कराया जिससे वे छात्र-छात्राओं की तरह कार्यशाला में अभिनय करने लगे। इस अवसर पर पत्रकार शशि कुमार सैनी, कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर अनिल वर्मा, डॉ. ज्योति गुप्ता, सीमा राजवंशी, विकास बंसल, प्रोफेसर अजय कुमार आदि ने कार्यशाला में अपने -अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यशाला में जिन प्रतिभागियों ने बेहतरीन अभिनय किया, उनमें गर्वित गुप्ता, खुशबू, वैभव, नीलेश गोड, पार्थ बोरा, गुलाब सिंह, शिखा त्यागी, आदित्य, सानिया, अनुराग, लकी, अनुराधा, पायल आदि शामिल रहे। कार्यशाला में आदर्श कुकरेती, जाफर हुसैन, सचिन जैन, सुब्रत कुमार, मुदित गोयल ने सहयोगी की भूमिका निभाई। कार्यकम का संचालन डॉ. शशि सैनी ने किया।

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