रुड़की।  ( आयुष गुप्ता ) जहां एक और आदर्श आचार संहिता के तहत निर्माण व अन्य कार्य पूर्ण से प्रतिबंधित रहते हैं, तो वहीं कुछ लोग आदर्श आचार संहिता को ठेंगा दिखाते हुए धड़ल्ले से निर्माण कार्यों को अंजाम देते हैं। इस कृत्य में कोई और नहीं बल्कि सरकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही शामिल है। इन लोगों ने बिना वर्क आर्डर के आदर्श आचार संहिता में निर्माण कार्य को अंजाम दिया।
ज्ञात रहे कि सितंबर माह में पंचायत चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद जनपद में आदर्श आचार संहिता प्रभावी रूप से लागू हो गई थी, जिसके बाद किसी भी तरह के सरकारी कार्य पूर्णता बंद कर दिए गए थे, लेकिन स्थापना खंड रुड़की, जो कि अंग्रेजी शासन के समय से रुड़की की एक अलग पहचान बनी हुई है, के अधिकारियों (ईई, ऐई, जेई) द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए वर्कशॉप के आवासों में मेंटेनेंस का काम बिना वर्क आर्डर के शुरू करा दिया, जब तक इसका किसी को मालूम होता, तब तक इस कार्य को संपन्न करने में ठेकेदार ने जरा भी देरी नहीं की। जब इस संबंध में संबंधित जेई नीटू कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में कोई लापरवाही नही बरती गई, जब उनसे कागजात मांगे, तो बोले कि वह संबंध में कुछ भी जानकारी नहीं दे सकते, उनके हाथ बंधे हुए हैं और जो भी बात करनी है, वह सहायक अभियंता या अधिशासी अभियंता से करें। जब इस मामले की जानकारी अधिशासी अभियंता शिशिर गुप्ता से ली गई तो उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के वर्क ऑर्डर है, जब दिखाने के लिए बोला, तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया। साथ ही निर्माण कार्यों को लेकर भी कोई संतोषजनक जवाब नही दिया। जिसके बाद मीडिया कर्मियों ने एस.सी. संजय कुशवाहा से फोन पर वार्ता की, तो उन्होंने कहा कि वह मामले की जानकारी लेकर मीडिया कर्मियों से 3 दिन बाद वार्ता करेंगे। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभागीय अधिकारी नियम कायदों को कितना तवज्जो देते हैं और सरकारी खजाने की किस तरह बंदरबांट की जाती है। इसे लेकर जनता में अधिकारियों के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है।

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