मेरठ :

उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक 600 मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है वही 48 से ज्यादा मरीजों की इस संक्रमण से मौत हो चुकी है। मेरठ में पिछले 24 घंटे के अंदर इंजेक्शन और दवा न मिलने से 5 मरीजों की मौत हो गई। इन मरीजों को एम्फोटेरोसीन-बी इंजेक्शन की जरूरत थी, लेकिन समय पर नहीं मिलने की वजह से इनकी मौत हो गई। रविवार को ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 95 का आंकड़ा पार कर गई। यहां अब तक 12 से अधिक मौतें ब्लैक फंगस से हो चुकी हैं। डॉक्टर्स के अनुसार अभी जितने मेरठ में मरीज हैं उनके हिसाब से 1800 इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन अभी केवल 100 इंजेक्शन उपलब्ध हैं।डॉक्टर्स के मुताबिक, समय पर मरीजों को एम्फोटेरोसीन-बी इंजेक्शन न मिलने से संक्रमण नाक से साइनस में होते हुए ब्रेन तक पहुंच रहा है और इससे मरीजों की मौत हो जा रही है।

वाराणसी में भी फंगस के 2 मरीजों ने जान गंवा दी। गोरखपुर और लखनऊ में एक-एक मरीज की मौत हुई। लखनऊ में मरीजों की संख्या 205 हो गई है। रविवार को 15 नए मरीज मिले। 19 लोगों का सफल ऑपरेशन हुआ। वाराणसी में अब तक 84 मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें 6 लोग जान गंवा चुके हैं। गोरखपुर में 29 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। इनमें 15 की हालत गंभीर बताई जा रही है। अब तक कुल 40 मरीजों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से 6 मरीजों की मौत हो चुकी है।

दूसरी तरफ कानपुर में ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने यहां हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस सेंटर बनाने का फैसला लिया है। इसका खाका तैयार हो रहा है। इस ब्लैक फंगस सेंटर में कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए अलग-अलग वार्ड होंगे। इसके अलावा, एक्सपर्ट्स और मेडिसिन की उपलब्धता का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरबी कमल ने बताया कि ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। इस सेंटर में कानपुर के अलावा कानपुर देहात, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद और कन्नौज जिले के मरीजों का भी इलाज होगा। डॉ आरबी कमल ने बताया की सेंटर तैयार होने में लगभग 10 से 12 दिन लग जाएंगे।

(न्यूज़ एजेंसी)

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