19 मई को सुबह 8 बजे के करीब इंदिरा नगर स्थित घर में सुसाइड करने वाले पार्थ श्रीवास्तव ने फांसी लगाने से पहले अपने दोस्तों को भी मैसेज भेजा था। सूचना विभाग की सोशल मीडिया में काम करने वाले पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस में पुलिस को बड़ी जानकारी हाथ लगी है। पार्थ श्रीवास्तव ने सुसाइड से पहले अपने चार दोस्तों को अपना आखिरी मैसेज भेजा था।
पार्थ ने सबसे पहला मैसेज सुबह 4:50 पर अपने दोस्त विनय को भेजा था, ‘विनय भाई निकल रहा हूं, ध्यान रखना.’ इसके जवाब में 12.01 पीएम पर मैसेज आया कि क्या हो गया बे।तब तक पार्थ मौत को गले लगा चुका था। विनय को पार्थ ने घटना से 6 दिन पहले 13 मई को उधार के 3,000 रु भी ट्रांसफर किए गए थे। पार्थ ने मदद करने के लिए विनय को ‘थैंक्स-ए-लॉट भाई’ का मैसेज भी भेजा था।पार्थ ने विनय को मैसेज भेजने के बाद दूसरा मैसेज रौनक को भेजा. 4.54 पर भेजे गए मैसेज में पार्थ ने रौनक की नाराजगी को दूर करने का मैसेज भेजा और लिखा, ‘रौनक भाई, कोई बात बुरी लगी हो तो माफ करना।

दोस्त को भेजा- जस्ट लीविंग का मैसेज

इस मैसेज के बाद सुबह 6.26 पर रौनक ने मैसेज किया, ‘क्या हो गया ब्रो?’ सुबह 7.04 पर पार्थ ने लिखा कुछ नहीं, जस्ट लीविंग, तो रौनक ने पूछा कहां?

पार्थ ने सुबह 4.56 पर अपने दो दोस्तों को आखिरी मैसेज किया. पार्थ ने एक दोस्त को लिखा, ‘गुड बाय भाई.’ वहां से सुबह 7.43 पर मैसेज आया क्या हुआ भाई, कहां चल दिए ? तो वहीं एक अन्य दोस्त को भी पार्थ ने सुबह 4.56 पर गुड बाय भाई का मैसेज भेजा था।फिलहाल पुलिस ने इस मामले में एक नामजद एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच शुरू कर दी. पार्थ के मोबाइल से उसके सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला जा रहा है, जिससे पता चल सके कि उसके ट्वीट, कब और कैसे डिलीट किए।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग में सोशल मीडिया का काम देखने वाली बेसिल कंपनी के कर्मचारी पार्थ श्रीवास्तव ने खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने शनिवार को एफआईआर दर्ज की थी। इंदिरानगर थाने में मृतक पार्थ श्रीवास्तव के पिता की तहरीर पर उनके कुछ साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पार्थ के सहयोगी पुष्पेंद्र सिंह के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप है, जिसके तहत केस दर्ज किया था।मामले की जांच जारी है।

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