रूड़की। ( आयुष गुप्ता )
जिला पंचायत हरिद्वार में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर आज पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने आरटीआई के माध्यम से 60 करोड़ की वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया है। उन्होंने आरटीआई के माध्यम से खुलासा करते हुए बताया कि जिला पंचायत हरिद्वार की बोर्ड बैठक दो बार 18 अक्टूबर 2022 व 19 नवंबर 2022 में हुई, जिसमें कोई भी विकास कार्यो के प्रस्ताव पास नहीं हुए, बोर्ड बैठक में बिना प्रस्ताव पास हुए कोई भी विकास कार्य नहीं कराया जा सकता। इसके बावजूद नियम विरुद्ध तरीके से टेंडर किए गए, उन्होंने कहा कि टेंडरों का प्रकाशन जिस अखबार में 16 नवंबर व संशोधन 8 दिसंबर व 19 दिसंबर को (दैनिक हॉक हरिद्वार संस्करण) में दर्शाया गया है, वह पूर्ण रुप से जालसाजी कर फर्जी तरीके से प्रकाशन दिखाकर जिला पंचायत हरिद्वार में लगभग 60 करोड़ की बंदरबांट की गई है। उन्होंने बताया कि 16 नवंबर 2022 को दैनिक हॉक में 353 निविदा प्रकाशित की गई, जबकि आरटीआई के अनुसार स्वीकृत निविदाएं 256 है। उक्त निविदाओं में उन सदस्यों के प्रस्ताव भी शामिल हैं, जो 18 नवंबर 2022 व 19 नवंबर 2022 और 29 नवंबर 2022 में जिला पंचायत को प्राप्त हुए। उक्त दिनांक में प्राप्त प्रस्ताव जो निविदा प्रकाशन के 2, 3 व 13 दिन बाद प्राप्त हुए, से यह साबित होता है कि समाचार पत्र जिला पंचायत द्वारा बैक डेट में फर्जी रूप से प्रकाशित कराया गया है। प्राप्त सूचना के अनुसार जिला पंचायत अभियंता पत्र 17 अक्टूबर 2022 के अनुसार 34 कार्यों के दिनांक 17 नवंबर 2022 अनुमोदन एवं स्वीकृति के प्रस्ताव की टिप्पणी के अनुसार यह कार्य जिला पंचायत की दूसरी बैठक में 19 नवंबर में स्वीकृत होने थे, जबकि क्रम संख्या 19 से 34 तक के 11 कार्य योजना दिनांक 16 नवंबर को बोर्ड बैठक से 3 दिन पूर्व ही प्रकाशित कर सरकारी धन का दुरुप्रयोग कर लिया गया। उन्होंने बताया कि जिला पंचायत में अभी तक किसी भी समिति का गठन नहीं हुआ और न ही किसी भी बोर्ड बैठक में बोर्ड द्वारा अध्यक्ष को किसी समिति का अधिकार दिया गया। उत्तर प्रदेश (क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत) निर्माण कार्यों की नियमावली 1984 के अध्याय-2 के अंतर्गत सदस्यों के प्रस्ताव सर्वप्रथम निर्माण समिति की सिफारिशों के साथ कार्य समिति जिला पंचायत को प्रस्तुत करेगी। इस नियमावली के विरुद्ध कार्यों के टेंडर किए गये थे। जिला पंचायत अध्यक्ष ने पद का दुरुप्रयोग करते हुए उच्च न्यायालय नैनीताल मैं पहले से नामित अधिवक्ता को हटाकर अपने भतीजे राहुल वर्मा जो कि वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में अपर महाधिवक्ता उत्तराखंड सरकार के पद पर हैं, की नियुक्ति जिला पंचायत हरिद्वार के अधिवक्ता के रूप में की है, जो कि पंचायती राज एक्ट का खुला उल्लंघन है। जिला पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र सिंह द्वारा सरकारी धन का प्रयोग करते हुए मानकपुर क्षेत्र में प्रस्तावक के रूप में अपने पिता रामपाल सिंह और अपने सगे ताऊ बीरबल सिंह सरपंच व चौधरी साधुराम एवं अपने भाई मेहताब सिंह पूर्व प्रधान का नाम लिखवा कर परिवार का प्रचार किया जा रहा है। साथ ही बताया कि आउटसोर्स से जो कर्मचारी पूर्व से कार्यरत है, गत 3 माह से उनका वेतन नहीं दिया गया और उनको हटाकर जिला पंचायत अध्यक्ष अपने लोगों को रख रहे हैं जबकि पुराने कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष यही जनविरोधी नीति अपनाते रहे, तो बसपा पंचायत कार्यालय में धरना देकर विरोध प्रदर्शन करेगी। पंचायत राज एक्ट की धारा 109 की उप धारा 2 के अनुसार जिला पंचायत में किसी भी तरह की अनियमितता का दायित्व जिपं अध्यक्ष का होता है। कहा कि सरकार भ्रष्टाचार की जांच कराकर जिला पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र सिंह को तत्काल निलंबित कर उक्त प्रकरण की जांच एसआईटी से कराई जाए और निविदा समिति का तत्काल स्थानांतरण जिला पंचायत हरिद्वार से स्थानांतरण किया जाए तथा इस साजिश में शामिल सभी ठेकेदारों के भुगतान पर रोक लगाई जाए। उन्होंने जिला पंचायत उत्तरकाशी पर हुई कार्रवाई के साथ निविदा समिति व ठेकेदारों पर 120बी की कार्रवाई कर गबन की गई धनराशि वसूलने की कार्रवाई की जाये।

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