रुड़की। ( बबलू सैनी )  प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य रमेश सेमवाल ने गंगा दशहरा की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि 9 जून 2022 को विशेष योगो में गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस वर्ष 9 जून को गंगा दशहरा है। उन्होंने कहा कि मां गंगा मनुष्य मात्र के कल्याण के लिए धरती पर आई। धरती पर इनका अवतरण जेष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को हुआ। अतः  यह तिथि उनके नाम पर गंगा दशहरा के नाम से प्रसिद्ध हुई। यदि इस तिथि को यदि बुधवार और हस्त नक्षत्र हो, तो यह तिथि सब पापों का हरण करने वाली होती है। जेष्ठ शुक्ल दशमी संवत्सर का मुख कही जाती है। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस तिथि को गंगा स्नान एवं श्रीगंगा जी के पूजन से 10 प्रकार के पापों 3 कायिक 4 वांचिक तथा तीन मानसिक का नाश होता है। इसलिए इसे दशहरा कहा गया है। इस वर्ष गंगा दशहरा 9 जून 2022 को मनाया जाएगा। इस दिन रवि योग भी बन रहा है। इस दिन जेष्ठ मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि हस्त नक्षत्र व्यतिपात योग गर करण तथा कन्या का चंद्रमा विराजमान है। इस दिन गंगाजी में अथवा सामर्थ ना हो, तो समीप की किसी पवित्र नदी या सरोवर के जल में स्नान कर गंगा जी का ध्यान करें। पूजा में यथाशक्ति 10 प्रकार के पुष्प 10 दीपक, 10 प्रकार के नैवेध, 10 तांबूल एवं 10 फल होने चाहिए। दक्षिणा भी 10 ब्राह्मणों को देनी चाहिए। किंतु उन्हें दान में दिए जाने वाले जो और तिल 16 व 16 मुट्ठी होनी चाहिए। भगवती गंगा जी पाप हरणी है। 10 प्रकार के पापों की निवृत्ति के लिए सभी वस्तुएं 10 की संख्या में निवेदित की जाती है। इस दिन सत्तू का दान और मां गंगा के पूजन का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा पर राष्ट्र कल्याण के लिए विशेष यज्ञ और मंत्रों का जाप करना चाहिए। पूजा पाठ में गंगा जल के बिना कुछ भी नहीं होता। इसलिए मां गंगा का हमेशा आशीर्वाद लेना चाहिए।

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