रुड़की। ( बबलू सैनी ) बेहडेकी सैदाबाद में स्थित श्रीकृष्ण मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का आज समापन हो गया। श्रीमद् भागवत कथा वाचक महंत कृष्णानंद गिरी महाराज ने कथा के अन्तिम दिन भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया और बताया कि दोनों ने गोकुल में एक साथ शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद दोनों अलग-अलग हो गये और जब सुदामा पर घोर आपत्ति आई, तो वह अपने मित्र श्रीकृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे, जहां द्वार पर पहरेदारों ने उन्हें रोक लिया और श्रीकृष्ण से मिलने नहीं दिया। कई घंटे बीत जाने के बाद पहरेदारों ने भगवान श्रीकृष्ण को बताया कि एक दुबला-पतला व्यक्ति आपसे मिलना चाहता हैं और अपना नाम सुदामा बता रहा हैं। इस पर श्रीकृष्ण नंगे पैरों ही गेट की और दौड़े और सुदामा को देखते ही गले लगा लिया तथा उन्हें लाड़-प्यार से महल में ले गये। जिसे देखकर उनकी धर्मपत्नि रुकमणि आश्चर्य में पड़ गई। ऐसे भावपूर्ण प्रसंग को सुनकर भक्त भाव-विभोर हो उठे। इस दौरान महंत कृष्णानंद गिरी महाराज ने बताया कि आज कथा का समापन हो गया। कल (आज) मंदिर प्रांगण में एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने सभी भक्तों से अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक संख्या में पहंुचकर प्रसाद ग्रहण करें।