रुड़की। ( बबलू सैनी ) इकबालपुर मिल प्रबन्धन ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को 20 जनवरी तक का गन्ना भुगतान समिति में पहंुच जायेगा। साथ ही बताया कि किसानों के सहयोग से इकबालपुर मिल द्वारा अभी तक 45 लाख कुंतल से अधिक गन्ने की पेराई कर दी गई हैं। जबकि  पिछले वर्ष शुगर मिल 50 लाख कुंतल गन्ने का लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पाई थी। इस बार मिल प्रबन्धन की कड़ी मेहनत के चलते यह सफलता मिली ओर इस सत्र का पेराई का लक्ष्य 70 लाख कुंतल गन्ने का रखा गया हैं। मिल प्रबन्धन ने कहा कि जिस प्रकार से किसानों का सहयोग मिल रहा हैं। हम इस लक्ष्य तक पहंुचने में कामयाब होंगे। साथ ही बताया कि 10 जनवरी तक का गन्ना भुगतान बैंक खातों में पहंुच चुका हैं और 20 जनवरी तक का गन्ना भुगतान भी जल्द ही किसानों के खाते में पहंुचेगा। मिल प्रबन्धन ने यह भी कहा कि वह किसानों के गन्ना भुगतान को लेकर बेहद गम्भीर हैं और इस भुगतान को तेजी से आगे बढ़ाया जायेगा। साथ ही कहा कि वर्ष 2017 व 2018-19 का गन्ना भुगतान हाईकोर्ट के आदेशानुसार किया जा रहा हैं। पुरानी चीनी को लगातार रिकवर कर रहे हैं। जैसे-जैसे चीनी बिकेगी, उस भुगतान को हाईकोर्ट के निर्देशानुसार आधा किसानों और आधा बैंकों को दिया जायेगा। मिल प्रबन्धन ने सभी किसानों से आहवान किया कि वह अपना गन्ना मिल में ही सप्लाई करें ताकि किसान व मिल दोनों को लाभ मिल सके। साथ ही गन्ना भुगतान बढ़ाने पर स्थानीय किसानों ने भी मिल प्रबन्धन का आभार प्रकट किया और कहा कि इस भुगतान को और तेजी से आगे बढ़ाया जाये। ताकि उन्हें आर्थिक दिक्कत का सामना न करना पड़े। इस बार मिल प्रबन्धन अधिक गन्ना पेराई को लेकर गम्भीर दिखाई दे रहा हैं। वहीं सरकार द्वारा भी मिल के कुछ सेंटर अधिक बढ़ाये गये, यही कारण है कि मिल में सेंटरों से भी गन्ना बड़े पैमाने पर मिल में आ रहा हैं तथा गेट का गन्ना भी लगातार आ रहा हैं। ऐसा लगता है कि इस बार मिल का पेराई सत्र अप्रैल माह के अन्तिम सप्ताह तक चालू रहेगा।

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