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तहसील स्थित कैंप कार्यालय पर अधिवक्ताओं ने मनाया राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस, सीडीएस व सैन्य अफसरों को भी दी गई श्रद्धांजलि

रुड़की। तहसील स्थित कैम्प कार्यालय पर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर भाजपा नेता व प्रदेश अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ब्यूरो (भारत) उत्तराखंड नवींन कुमार जैन एडवोकेट ने अधिवक्ताओं व ब्यूरो पदाधिकारियों की उपस्थिति में मानव हित व राष्ट्र हित में मानवीय कल्याण उद्देश्य पूर्ति हेतू संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पूर्व बार एसोसिएशन उपाध्यक्ष सुनींल कुमार गोयल एड. ने की। अधिवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि हम सब मानव जाति को अपने मानव धर्म का पालन पूर्ण जिम्मेदारी से निभाना चाहिए। नवीन जैन ने कहा कि सर्वप्रथम मानवाधिकार दिवस मनाने का निर्णय 10 दिसंबर 1948 को सँयुक्त राष्ट्र संघ ने लिया था, जिसकी आधिकारिक घोषणा 1950 में की गई थी। जिसका उद्देश्य आर्थिक व सामाजिक व स्त्री दशा के स्तर को उच्च करना था। हमारे देश में 28 सितंबर 1993 को मानवाधिकार काननू अमल में लाया गया। तदोपरांत 12 अक्टूबर 1993 को भारत सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया। जिसका उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को उनके मूलभूत अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरूक रख उनको हरसंभव मदद करने का था। संगोष्ठी के अंत में सभी वक्ताओं ने दिवंगत शहीद सीडीएस बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका व सैन्य अधिकारियों की आत्मा शांति हेतु दो मिनट का मौन रखा। संगोष्ठी में अधिवक्ता अभिनव गोयल, मोहम्मद सहभान, मोहम्मद वाजिद, अशोक कुमार, पंकज जैन, नरेश कुमार, सोनू गुज्जर, ऋषिपाल बर्मन मौजूद रहे।

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