रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) एक ओर जहां लोग कुछ किमी वाहन चलाकर थक जाते हैं, वहीं शारीरिक रुप से अक्षम 7 दिव्यांग जिनमें 3 महिला व 4 पुरूषों ने मिलकर दुनिया के दुर्गम और अति दुर्गम रास्तों को तय करते हुए 2609 किमी की दूरी स्कूटी से तय कर नया कीर्तिमान स्थापित किया।


बता दें कि विगत 22 नवंबर को सुबह सवेरे इण्डिया गेट नई दिल्ली से उक्त दिव्यांगों ने दिव्यांग दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में अपनी यात्रा स्कूटी वाहन से शुरू की। दिग्विजय सिंह ने बताया कि वह बरेली, श्रीबस्ती, वर्धाघाट, बदनी, बुटवल होते हुए काठमांडू नेपाल पहंुचे, जहां उन्होंने श्रीपशुपतिनाथ मंदिर, भारतीय उच्चायोग, पोखरा, कृष्णानगर की यात्रा की और उसके बाद लखनऊ, आगरा आदि स्थानों से होते हुए 1 दिसम्बर दोपहर 3ः30 बजे इंडिया गेट दिल्ली पर पहंुचे और यात्रा सकुशल पूरी की। दिव्यांग दिग्विजय सिंह ने बताया कि यह भारत की रेट्रोफिटिंग अमीपबसम से अब तक की

सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय राइड है। पोखरा में जहां एवरेस्ट जैसे विश्व के सबसे बड़े शिखर हैं, वही पहाड़ी रास्तों की स्थिति भी बेहद निराशाजनक है। कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद सभी राइर्ङडर ने मिलकर अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। इस यात्रा के माध्यम से उन्होंने वसुदेव कुटुंबकम, राइट फाॅर यूनिटी, सुगम्य भारत अभियान, डिसएबल एजुकेशन, रोड सेफ्टी जैसे बिंदुओं को विदेश में भी प्रचारित किया। नेपाल पहंुचने पर कई सामाजिक संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने भारतीय राईडरों का स्वागत किया। वहीं नेपाल में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने भी भारतीय राइडर को बुलाकर उनका सम्मान किया। इन राइडरों में उत्तराखंड से दिग्विजय सिंह के साथ ही दिल्ली से माही चैहान, संगीता भंडारी कमलेश, किशोर कुमार, उत्तर प्रदेश से संजीव कुमार और हरियाणा से अमन धवन इस ऐतिहासिक राइड में शामिल हुए। उत्तराखंड के लक्सर निवासी दिग्विजय सिंह ने रायबहादुर शुगर मिल लिमिटेड लक्सर एवं वीरभद्र वेलफेयर सोसाइटी देहरादून का इस राइड को पूरा करने के लिए उनका आभार जताया। साथ ही बताया कि उनकी टीम का स्वागत करने के लिए इंडिया गेट नई दिल्ली पर संजय शर्मा दरमोडा अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय एवं एडिशनल डायरेक्टर मीणा कंडवाल, राज्यसभा नई दिल्ली अपनी समस्त टीम सदस्यों के साथ पहुंचे, जहां उक्त लोगों ने इन राईडरों का माल्यार्पण कर जोरदार स्वागत किया।

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