रुड़की। ( बबलू सैनी ) केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 रुडकी में आज विश्व पुस्तक दिवस समारोह का आयोजन किया गया। दुनिया भर में आज विश्वन पुस्तपक दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस किताबों के नाम समर्पित है। इस दिवस की महत्ता बताते हुए प्राचार्य वी के त्यागी ने बताया कि किताबें हमारी सच्ची मित्र हैं, ये न सिर्फ हमारी दोस्त बल्किय पथ प्रदर्शक भी हैं और उस वक्तम हमेशा हमारे साथ होती हैं, जब हमें इनकी सबसे ज्यावदा जरूरत होती है। इस अवसर पर विद्यालय में बुक बैंक की स्थापना की गयी, इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. अतुल अग्रवाल (मुख्य वैज्ञानिक, केंद्रीय भवन अनुसन्धान, रुडकी) के द्वारा किया गया। इसके बारे में बताते हुए प्राचार्य वी के त्यागी ने कहा कि बुक बैंक की स्थापना बच्चों में पढने की आदत को विकसित करने के साथ-साथ पर्यावरण को भी संरक्षित करने की दिशा में एक प्रयास है। हम सब जानते है कि कागज पेड़-पौधों से ही बनता है, अतः पुस्तकों के दुबारा इस्तेमाल से हम पेड़-पौधों को बचा सकते है, प्रत्येक वर्ष विद्यालय में करीब 6,000 पाठ्य पुस्तकें विद्यार्थी आपस में बदल कर पढ़ते है, इस प्रयास से हम सैकड़ों पेड़ों को काटने से बचाते है। अपने संबोधन में केंद्रीय भवन अनुसन्धान संस्थान रुडकी के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अतुल अग्रवाल ने कहा कि विश्व पुस्तक दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि किताबों की अहमियत को समझा जा सके। किताबें महज कागज का पुलिंदा नहीं बल्कि वे भूतकाल और भविष्याकाल को जोड़ने की कड़ी का काम करती हैं। साथ ही संस्कृतियों और पीढ़ियों के बीच में एक सेतु की तरह हैं। इस अवसर पर पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीमती पूनम कुमारी ने कहा कि बच्चों के बीच पढ़ने की आदत को आसानी से बढ़ावा देना, कॉपीराइट का प्रयोग कर बौद्धिक संपत्ति का प्रकाशन और सुरक्षित रखने के लिये यूनेस्को द्वारा पूरे विश्व भर में इसे मनाने की शुरुआत हुई। विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है, वास्तव में अगर किताबें न हों तो बहुत से कार्य तो हमारे अधूरे ही रह जाएँगे। इनके पन्नों पर जीवन का हर अर्थपूर्ण अनुभव सहेज लिया जाता है ताकि आने वाला कल और भी सुंदर बन सके। विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर विद्यालय में बच्चों में पुस्तकों के प्रति रूचि जागृत करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जैसेः निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर मेकिंग, पुस्तक समीक्षा लेखन, बुक मार्क मेकिंग आदि शामिल रहे। सभी विजेता प्रतिभागियों को बधाई देते हुए उप प्राचार्या श्रीमती अंजू सिंह ने कहा कि ज्ञान, मनोरंजन और अनुभव की बात कहती ये किताबें यूँ ही नहीं पूजी जातीं। अभिभावकों को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों के लिए अच्छी-अच्छीे किताबें पढने के लिए प्रेरित करें तथा उनके सामने खुद भी पुस्तक पढ़े, अपने बच्चों में किताबें पढ़ने के संस्कांर विकसित करें। आज विद्यालय में कक्षा दसवी की बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का आशीर्वाद समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें उनको परीक्षा के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना है, इसके बारे में प्राचार्य वीके त्यागी, उप प्राचार्या श्रीमती अंजू सिंह तथा शिक्षकों ने उनका मार्गदर्शन किया।