रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) आज विलेज डवलपमेंट सोसायटी पीआई माइग्रेंट परियोजना के तहत उत्तराखण्ड एड्स कंट्रोल सोसायटी देहरादून के सहयोग से भगवानपुर पुलिस थाना परिसर में पुलिस प्रशासन के साथ एडवोकेसी बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में परियोजना निदेशक राजबहादुर सैनी ने कहा कि एचआईवी एड्स की जानकारी ही बचाव हैं। इसका अभी तक कोई स्थायी ईलाज नही मिल पाया। परियोजना प्रबन्धक आरती राणा ने कहा कि इसके फैलने के मुख्यतः चार कारण पाये गये, संक्रमित सुई के साझा प्रयोग से, संक्रमित ब्लड चढ़ाने से, संक्रमित मां से उसके होने वाले बच्चों को, असुरक्षित यौन संबंध से
एचआईवी फैलता हैं और यही चार सावधानियां अगर हम प्रयोग करते हैं, तो हम इससे बचे रहेंगे। वहीं काउंसलर काजल कश्यप ने कहा कि हमारी संस्था भगवानपुर एवं पुहाना इण्डस्ट्रीयल एरिया में समय-समय पर स्क्रीनिंग कैम्प लगाती आ रही हैं। बाहर से आये प्रवासियों का रजिस्ट्रेशन किया जाता हैं और उसके बाद निःशुल्क स्वास्थ्य कैम्प लगाते हैं तथा एचआईवी टैस्टिंग भी किया जाता हैं। जो लोग पाॅजिटिव आते हैं, उनके फिर से रुड़की अस्पताल में अन्य टेस्ट कराये जाते हैं तथा एआर टि-लिंक कराया जाता हैं। सभी सुविधाएं निःशुल्क हैं। समय-समय पर सामुदायिक इवेंट भी कराये जाते हैं, जिससे बाहर से आये हुये माईग्रेंट की समस्याओं को समझा जा सके। वर्ष 2016 से अब तक हमारी संस्था लगभग 45 हजार माईग्रेंट का रजिस्ट्रेशन कर उन्हें विभिन्न तरह की सुविधाएं निःशुल्क दिला रही हैं। आज एडवोकेसी बैठक के तहत पुलिस प्रशासन को भी जागरूक करने के उद्देश्य से बैठक रखी गई। ताकि अगर कहीं कोई ऐसी हाईरिस्क हैं, तो पुलिस प्रशासन उन लोगों को भी हमारी सेवाएं देने के लिए जागरूक कर सके। वहीं थाना प्रभारी अमरजीत सिंह ने कहा कि इस ओर हम सभी को जागरूक रहना चाहिए। एचआईवी एक खतरनाक वायरस हैं। इसकी जानकारी ही बचाव हैं। उन्होंने विलेज डवलपमेंट सोसायटी के सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया और भरपूर सहयोग करने का आश्वासन दिया। बाद में संस्था के परियोजना के निदेशक आरबी सैनी ने पुलिस थाना प्रभारी एवं स्टाफ का आभार व्यक्त किया। बैठक में 40 पुलिस कर्मी एवं विलेज डवलपमेंट सोसायटी से भावना सिंह, विपिन कश्यप आदि मौजूद रहे।