रुड़की।  ( बबलू सैनी ) खानपुर रेंज के वन दरोगा अपने अधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। हाल ही में आम के प्रतिबंधित पेड़ों के कटान का मामला सामने आया और सूचना के बावजूद भी खानपुर रेंज के वन दरोगा का मौके पर न पहंुचना उनकी घटिया कार्यशैली पर सवालियां निशान लगा रहा हैं। मामला सिकरोढ़ा गांव से जुड़ा हैं। बताया गया है कि सुबह के समय गांव के कुछ लोग जब खेतों की ओर गये, तो एक कटर मशीन के पीछे स्थित एक खेत में आम के प्रतिबंधित कटे हुये पेड़ों की डाट मिली। जिसकी सूचना वन विभाग के साथ ही उद्यान विभाग को भी दी गई। जहां एक ओर उद्यान विभाग के अधिकारी मौके पर पहंुचे और मामले की जानकारी ली, लेकिन बार-बार बुलाने के बाद भी खानपुर रेंज के वन दरोगा मौके पर नहीं पहंुचे। यह प्रतिबंधित पेड़ किस स्थान से काटे गये, इसका भी कोई सुराग नहीं मिल पाया। इस प्रकरण को जहां उद्यान विभाग गम्भीरता से ले रहा हैं, वहीं वन दरोगा अपना पल्ला झाड़ने में लगे हुये हैं। जबकि सरकार व डीएफओ के सख्त निर्देश हैं कि क्षेत्र में किसी भी प्रकार का प्रतिबंधित पेड़ों का कटान न होने दिया जाये। इसके बावजूद भी खानपुर रेंज में इन आम के कटे हुये पेड़ों का मिलना वन दरोगा की कार्यशैली को संदिग्ध बना रहा हैं। फोन पर हुई बातचीत में खानपुर रेंज के वन दरोगा दाताराम ने कहा कि इस मामले में उद्यान विभाग ही कार्रवाई करेगा, वह नहीं करेंगेे। सबसे अहम बात यह है कि जो व्यक्ति अनुमति लेकर प्रतिबंधित पेड़ काटता हैं, उसका रवन्ना वन विभाग ही देता हैं। यहां तो बिना अनुमति के ही पेड़ काटकर डाले गये, ऐसे में वन दरोगा का मौके पर पहंुचकर मामले की जानकारी लेना नितांत आवश्यक था। यह पेड़ उनके क्षेत्र से काटे गये या किसी अन्य स्थान से, इसके बारे में जानना भी गंवारा नहीं समझा गया। ऐसे में लापरवाह वन दरोगा के खिलाफ अधिकारियो को कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो सके। वहीं समाचार लिखे जाने तक उद्यान विभाग के कर्मी मामले की जांच-पड़ताल करने में लगे थे।

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