रूड़की। ( आयुष गुप्ता )
रुड़की महोत्सव की श्रंखला में निगम सभागार में हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के नामचीन कवियों/शायरों ने राष्ट्रीय एकता, देशप्रेम और आपसी सद्भाव की रचनाओं से देर रात तक श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किये रखा। कवि सम्मेलन में विचार व्यक्त करते हुए विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि हमारी मिली जुली संस्कृति ही विश्व में भारत की पहचान है, जिसको कवियों ने भी अपनी रचनाओं के माध्यम से जीवंत किया है। कहा कि कवि समाज का आईना तो होता ही है, साथ ही समाज का मार्गदर्शन भी करता है।कार्यक्रम के संयोजक व अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने कहा कि रूडकी नगर सदैव से ही आपसी सद्भाव और साहित्य की नगरी रही है तथा साहित्यकारों व बुद्धिजीवियों का यहाँ हमेशा सम्मान होता रहा है। संस्था विरासते रूडकी के अध्यक्ष डॉ. राकेश त्यागी, उपाध्यक्ष संजय गर्ग, महासचिव ब्रह्मपाल सिंह सैनी, सचिव साधन कौशिक, राहुल शर्मा, डॉ. राजेश चंद्रा, राजीव गर्ग आदि ने सभी अतिथियों और कवियों का मालाएं और शाल पेश कर स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक सुरेश जैन ने की।


देश के विख्यात कवि, गीतकार श्रीकांत श्री के संचालन में कवियों ने अदभुत रचनाओं से समा बांध दिया। काव्य पाठ करने वालों में अर्जुन सिसौदिया (गुलावठी), सौरभ कान्त शर्मा (संभल), दीपक सैनी (दिल्ली), अनिता आनंद (धार,म.प्र), श्रीकांत श्री, अफजल मंगलौरी, प्रतीक गुप्ता (दिल्ली), महिमा श्री (देहरादून), मोहित शौर्य (दिल्ली), ब्रजेश त्यागी (दिल्ली) आदि कवियों को बहुत सराहा गया। अंत में राष्ट्रीय गान से कवि सम्मेलन का समापन किया गया। कवि सम्मेलन को बुलंदी पर पहुँचाते हुए विश्व विख्यात कवि श्रीकांत श्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए तालियों की गूंज में पढ़ा कि…..नमन करना या मत करना, कोई कुछ न कहेगा। पर शहीदों की शहादत को कोई बदनाम मत करना।। देहरादून से पधारी कवियत्री महिमा श्री ने पढ़ा कि…..मैं पद्मा हु, मैं पन्ना हु, मैं रुक्मणि और मीरा भी। समझ लेना ए जग वालों, नहीं मैं कोई बेचारी।। मेरठ से पधारे हास्य के प्रसिद्ध कवि डॉ. प्रतीक गुप्ता ने वाह वाही लूटते हुए पढ़ा कि….. देखिये हिन्दू-मुसलमान की बेमिसाल एकता। साथ में नवरात्रों के रमज़ान भी है आ गया।। मध्य प्रदेश से पधारी शायरा अनिता आनन्द मुकाती ने फरमाया कि….. ठहरे हुए दरिया में मुझको रवानी चाहिए। हो वतन पर जो फिदा वो जिन्दगानी चाहिए।। इसके अलावा अर्जुन सिसौदिया, अफजल मंगलौरी, मोहित शौर्य, ब्रिजेश त्यागी, दीपक सैनी आदि ने भी काव्य पाठ किया।

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