रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) साबिर पाक के उर्स में आये पाकिस्तान के जायरीनों का जत्था आज दरगाह में आखिरी हाजिरी देकर नम आंखों से कड़ी सुरक्षा के बीच कलियर से रवाना हुआ। साबरी गेस्ट हाउस में पुलिस, एलआईयू, सीबीआई और प्रशासन के आलाधिकारियों के साथ सभी व्यक्तियों की गिनती की गई। इस मौके पर तहसीलदार रुड़की चन्द्रशेखर वशिष्ठ, थानाध्यक्ष मनोहर भंडारी, मेला प्रभारी बीएल भारती, किशन शाह, अमित नेगी, अंकिता कुमारी, इकराम अली, लेखपाल अनुज यादव आदि सरकारी अधिकारियों के अलावा नागरिक सम्मान समिति के संयोजक शायर अफजल मंगलौरी, मैनेजर शफीक साबरी, इंतखाब आलम, राव शरीफ मौजूद रहे। अधिकांश जत्थे के बुजुर्ग यात्री उर्स के अंतिम लंगर को खाते हुए रोते हुए फरियाद कर रहे थे कि उनको साबिर के उर्स में आने का फिर से मौका नसीब हो जाये। रवानगी से पूर्व जायरीनों ने मेले में जमकर खरीदारी की। पाकिस्तानियों की ज्यादातर पसंद हल्दीराम की नमकीन, बनारस की साड़ियां, लखनवी चिकन, झंडा होटल का हलवा परांठा, बाबा रामदेव के अधिकांश प्रोडेक्ट, सोहन हलवा, सहारनपुर की लकड़ी का सामान आदि रहा। पहली बार आये यात्रियों को साबिर का मेला, बाजार और कव्वालियांे की महफिल और बाजार के दिलकश नजारे खूब पसंद आये। परिवहन विभाग की ओर से 8 बसों की व्यवस्था की गई, जो भारी सुरक्षा के बीच रुड़की स्टेशन तक लेकर जायरीनों को गई। जहां पर रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक अधीक्षक अजय तोमर और जीआरपी प्रभारी ममता गोला ने भारी सुरक्षा के बीच रात 11 बजे लाहौरी एक्सप्रेस से उन्हें अमृतसर के लिए रवाना किया।