रुड़की/भगवानपुर। ( आयुष गुप्ता )
आज बी.डी. इंटर कॉलेज भगवानपुर में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता दिवस के रूप में हर्षोउल्लास एवं सादगी पूर्ण ढंग से मनाई गई। इस मौके पर बोलते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय गर्ग ने कहा कि आज का दिन हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम यह जान सके कि किस तरह से एक साधारण सा बालक वल्लभ भाई अपनी कर्तव्य निष्ठा, कर्तव्यपरायणता तथा फौलादी इरादों के कारण लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल कहलाया। राजस्व वकील होने के बाद भी उन्होने देश की आजादी के लिए वकालत छोड़ दी। जिसके कारण उनको पटेल की उपाधि दी गई। 29 फरवरी 1928 को जब अंग्रेजों ने किसानों का लगान बढ़ाया, तो उन्होंने बारदोली में किसानों को संगठित करके एक बहुत बड़ा आंदोलन किया। उन्होंने किसानों से आहवान किया कि कोई भी बढ़ा हुआ लगान नहीं देगा। उनके नेतृत्व में चले आंदोलन से अंग्रेजी हुकूमत को झुकना पड़ा। तब देशवासियों ने उनको सरदार की उपाधि प्रदान की। 15 अगस्त 1947 को जब अंग्रेजों ने भारत को छोड़ा, तो उस समय भारत 565 से अधिक रियासतों में खंड-खंड विभाजित था। सरदार पटेल ने भारत का गृहमंत्री होने के नाते उन सभी रियासतों का भारत में विलय कराया। हैदराबाद तथा जूनागढ़ की रियासत विलय के लिए तैयार नहीं थी, तो उन्होंने अपने दृढ़ इरादों से विद्रोह को शांत करके इन दोनों रियासतों का भी भारत में विलय कराया। आज हम जो भारत का सुंदर नक्शा देखते हैं। वह सरदार वल्लभभाई पटेल की ही देन है। उनके इस कदम से देशवासी उन्हें लौह पुरुष के रूप में जानते हैं। विद्यालय के सभी शिक्षक- शिक्षकाओं, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने देश की एकता एवं अखंडता को बनाए रखने की रखने की शपथ ली। इस अवसर पर विद्यालय में एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया, जिसमें कक्षा 12 की छात्रा कु. सानिया ने प्रथम स्थान, कक्षा-11 की छात्रा कुमारी मधु ने द्वितीय स्थान तथा कक्षा- 10 के छात्र शिवम खुर्जा एवं अपूर्वा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर संजय पाल, ललिता देवी, पारुल देवी, अनुदीप, सुधीर सैनी, रजत, निखिल अग्रवाल, नेत्रपाल, विजय त्यागी, कल्पना सैनी, अर्चना पाल, रितु वर्मा, सैयद त्यागी, बृजमोहन, हर्षित, बालकृष्ण दीक्षित, रोहित, वसीम, अशोक तथा राजकुमार आदि मौजूद रहे।
