रुड़की। ( बबलू सैनी )
वैसे तो उत्तराखंड पुलिस को “मित्र पुलिस” के नाम से संबोधित किया जाता है, लेकिन कभी-कभी ऐसे प्रकरण भी सामने आते है, जब स्वयं पुलिस को ही विभागीय कर्मियों की हरकतों से आंख चुरानी पड़ती है।
ऐसा ही एक मामला मंगलौर कोतवाली क्षेत्र का सामने आया है, जहाँ पीड़ित पति-पत्नि ने दबंगों पर आरोप लगाया कि पहले तो दबंग युवक ने उसके नाबालिग बच्चे के साथ कुकर्म किया, जब उन्होंने इसका विरोध किया और पुलिस कार्रवाई करने की बात कही, तो उल्टे आरोपी अन्य दबंगों के साथ उसके घर पर आया और उनसे मारपीट करते हुए घर में आगजनी की, फायरिंग की, घर में तोड़फोड़ के साथ ही उनसे भी मारपीट की। लेकिन हैरत की बात यह है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद पुलिस ने आरोपियों को अभी तक न तो गिरफ्तार किया, न ही उनका मुकदमा पोक्सो एक्ट व जानलेवा हमला, आगजनी ओर मारपीट तथा जान का खतरा होने की धाराओं में दर्ज किया। पीड़ित पति-पत्नि न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। पुलिस ने खानापूर्ति करने के लिए मुकदमा दर्ज कर अपनी इतिश्री पूरी की।
आज आबकारी गोदाम के निकट स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित पत्रकार वार्ता में परिवार के साथ पहुँचे पीड़ित चहन सिंह पुत्र धीर सिंह निवासी राज विहार ढंढेरा थाना कोतवाली सिविल लाइन ने दबंगों से जान का खतरा बताया। उन्होंने बताया कि पहले उनके नाबालिग बच्चे से दुष्कर्म किया, जब इस बात की जानकारी हुई, तो कार्रवाई न करने की धमकी देते हुए घर पर फायरिंग, तोड़फोड़, आगजनी ओर मारपीट तक की गयी। उनके साथ जब-जब घटना हुई, तब-तब उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम ओर पुलिस को सूचना दी, पुलिस मौके पर तो पहुंची, किंतु कोई कार्रवाई आरोपियों के खिलाफ आज तक नही हो पाई। पीड़ित परिवार पिछले साढ़े तीन माह से पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसे इंसाफ नही मिल पाया। आज पीड़ित परिवार ने मीडिया से इंसाफ की गुहार लगाई है। पीड़ित चहन सिंह ने बताया कि उक्त घटनाओं की शिकायत उसने पुलिस डीजीपी के साथ ही सीएम पोर्टल पर भी की, लेकिन आज तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हो पाई। इसके बाद पीड़ित ने जब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया लेकिन कार्रवाई आज तक जजांच पर ही अटकी हुई है। जब भी वह एसपी देहात या अन्य पुलिस अधिकारियों के पास जाते, तो जवाब मिलता की अभी जांच चल रही है। पीड़ित ने आरोप लगाया कि आज तक पुलिस आरोपियों से पूछताछ करने की हिम्मत तक नही जुटा पाई। यही नही तहरीर के अनुसार पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने शेखर नाम के व्यक्ति को एक मामले में उठाया था, जिसने पीड़ित के घर पर फायरिंग करने की बात भी कबूली थी, लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नही की। पीड़ित परिवार ने यह भी बताया कि आरोपियों को मंगलौर के बड़े राजनीतिक नेताओ का संरक्षण है। यही कारण है कि पुलिस उन तक पहुंचने में कतरा रही है।

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