रुड़की। ( बबलू सैनी ) विद्या भारती उत्तराखण्ड के गढवाल मंडल का पाँच दिवसीय नवीन प्रधानाचार्य प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन आनन्द स्वरुप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर में किया गया। जिसमंे आज समापन सत्र मंे अखिल भारतीय महामंत्री विद्या भारती अवनीश भटनागर, क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर साहू, उत्तराखण्ड शिशु शिक्षा समिति के प्रंातीय मंत्री डॉ. अनिल शर्मा, विनोद रावत, नत्थीलाल बंगवाल, अमरदीप सिंह द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं पुष्पार्चन कर किया गया।
समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए अवनीश भटनागर (अखिल भारतीय महामंत्री विद्या भारती) ने कहा कि प्रधानाचार्य के लिए योजना, व्यवस्था एवं प्रबन्धन में कुशल होना अत्यंत आवश्यक है। संवाद कौशल, व्यवहारिकता के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में सहभागिता के माध्यम से व्यक्तित्व में निखार लाया जा सकता है। विद्यालय विकास हेतु छात्रों के साथ-साथ अध्यापक, प्रबन्ध समिति एवं अभिभावकों से समय-समय पर संवाद करना चाहिए। क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर साहू ने कहा शिक्षकों हेतु विषय ज्ञान, तकनीकि विकास, प्रशिक्षण की व्यवस्था, संगठनात्मक विकास एवं छात्र-छात्राओं हेतु मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक, नैतिक, सांस्कारिक विकास एवं अपने दायित्व का बोध कराना भी आवश्यक है। प्रबन्ध समिति हेतु जिम्मेदारी का भाव उत्पन्न करना, व्यवस्था बनाना एवं संगठनात्मक जानकरी देना भी प्रधानाचार्य के मुख्य दायित्व हैं। विद्यालय के पूर्व छात्रों को विद्यालय एवं विद्यालय के कार्यों से जोड़े रखना चाहिए। उत्तराखण्ड शिशु शिक्षा समिति के प्रान्तीय मंत्री डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी योजना रचना बनाना अत्यंत आवश्यक है, तत्पश्चात् उसका क्रियान्वयन करना चाहिए। सतत् चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों से ज्ञानवर्द्धन होता है।
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